- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एसपी आरती सिंह को फटकार लगाई
- कोर्ट ने हिरासत में लिए गए अधिवक्ता को कोर्ट में पेश करने और एसपी को कोर्ट रूम में बने रहने का निर्देश दिया
- आरोप है कि पुलिस ने प्रीति यादव के पति को जबरन हिरासत में लिया और दस्तावेज़ पर दबाव में हस्ताक्षर कराए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर मंगलवार को सख्त नाराज़गी व्यक्त की. बंदी प्रत्यक्षीकरण (हेबियस कॉर्पस) रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक (एसपी) आरती सिंह को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट की नाराज़गी तब और बढ़ गई जब उन्हें सूचित किया गया कि पुलिस ने सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर से ही एक अधिवक्ता को हिरासत में ले लिया.
कोर्ट की सख्ती: एसपी को कोर्ट रूम न छोड़ने का आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की डबल बेंच ने तुरंत सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने फर्रुखाबाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए अधिवक्ता को तत्काल कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया.
कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस को अधिवक्ता को पेश करना पड़ा. यही नहीं, कोर्ट ने एसपी आरती सिंह को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि जब तक हिरासत में लिए गए वकील को पेश नहीं किया जाता, तब तक वह कोर्ट रूम में ही मौजूद रहें और उसे न छोड़ें.
क्या था मामला?
इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रीति यादव व अन्य की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका पर 9 अक्टूबर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फर्रुखाबाद के थाना कायमगंज के एसएचओ अनुराग मिश्रा, सीओ कायमगंज और एसपी फर्रुखाबाद को 14 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था.
एसपी आरती सिंह समेत पुलिस अधिकारी मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रीति यादव ने कोर्ट को बताया कि पुलिस वाले उनके पति को पकड़ कर ले गए थे, और वे पढ़ी-लिखी नहीं हैं, इसलिए पुलिस के कहने पर उन्होंने एक दस्तावेज़ पर दस्तखत कर दिए थे, जिसकी वजह से उन्हें याचिका वापस लेने के लिए कहा गया. प्रीति ने यह बयान एसपी आरती सिंह की मौजूदगी में दर्ज कराया.
अधिवक्ता को हिरासत में लेने पर हंगामा
सुनवाई के बाद कोर्ट को सूचना मिली कि एसपी के आदेश पर कोर्ट के बाहर से अधिवक्ता अवधेश मिश्रा और उनके बेटे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें फर्रुखाबाद ले जाया जा रहा है. वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस को आशंका थी कि अवधेश मिश्रा ने ही यह याचिका दाखिल कराई है, जिसके कारण पुलिस ने 11 अक्टूबर को उनके घर पर धावा बोला और मंगलवार को कोर्ट के हस्तक्षेप से पहले उन्हें गैरकानूनी ढंग से हिरासत में ले लिया.
कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए एसपी आरती सिंह और पूरी टीम को तलब कर लिया और अधिवक्ता को हिरासत में लेने के संबंध में एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है. हाईकोर्ट ने एसपी को निर्देश दिया है कि वे हलफनामे में लगाए गए आरोपों का जवाब बुधवार तक दाखिल करें.
याचिकाकर्ता का आरोप
फर्रुखाबाद निवासी प्रीति यादव ने आरोप लगाया है कि 8 सितंबर 2025 की रात एसएचओ अनुराग मिश्रा, सीओ समेत चार-पांच पुलिसकर्मी उनके घर में घुसे और दो सदस्यों को हिरासत में लेकर लगभग एक हफ्ते तक रखा. हिरासत के दौरान उनसे जबरन एक लिखित बयान लिया गया कि वे कोई शिकायत या याचिका दाखिल नहीं करेंगे.