उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम लगाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही पुलिस

उत्तर प्रदेश के 18 जिलों को 14 अक्तूबर तक सेफ सिटी बनाने की कोशिश, गौतमबुद्ध नगर भी सेफ सिटी परियोजना में शामिल

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नोएडा पुलिस कंट्रोल और कमांड सेंटर से शहर की निगरानी कर रही है.
नई दिल्ली:

भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश (UP) अव्वल है लेकिन अब यूपी सरकार महिला सुरक्षा (Women Safety) को लेकर कई बड़े कदम उठा रही है. सूबे के 18 जिलों को 14 अक्तूबर तक सेफ सिटी बनाने की कोशिश है. इनमें गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) भी सेफ सिटी परियोजना (Safe city project) में शामिल है. NDTV ने जानने की कोशिश की कि महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस की क्या तैयारी है.

नोएडा के सेक्टर 38 में महिला से मोबाइल छीनने का सीसीटीवी फुटेज जैसे ही वायरल हुआ पुलिस तुरंत हरकत में आई और घंटों में ही बदमाश की पहचान हो गई. नोएडा में ऐसी जगहों की पहचान करके 80 से ज्यादा स्थानों पर इस तरह के इमरजेंसी रेस्पांस बाक्स, यानी पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं. लेकिन क्या यह रेस्पांस बॉक्स सही में काम करता है? इसे खुद हमने चेक किया. बाक्स का हेल्प का बटन जैसे ही दबाया आवाज आई, ''हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं.''

करीब 1400 सीसीटीवी कैमरों से शहर की निगरानी

पुलिस ने कई ऐसे ब्लैक स्पॉटों की पहचान की है जहां महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खतरा हो सकता है. उनकी निगरानी AI यानी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिए कैसे हो रही है, यह देखने के लिए हम नोएडा के सेक्टर 93 के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पहुंचे. इस कमांड सेंटर से एक साथ करीब 1400 सीसीटीवी कैमरों से शहर की निगरानी की जा रही है.

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इस कमांड सेंटर से करीब 10 किलोमीटर दूर बॉटनिकल गार्डन मेट्रो के बाहर खड़े संदिग्ध वाहनों को पुलिस ने सेकेंडों में हटवा दिया. कमांड सेंटर से कैमरे को जूम करके नंबर पढ़कर बाइक को अनाउंस करके हटाया गया. पुलिस कर्मी ने कमांड सेंटर से बोला और वहां लगे लाउडस्पीकर पर आवाज पहुंची कि UP169332 नंबर की गाड़ी को तुरंत हटाओ वरना चालान किया जाएगा.

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फेस डिटेक्शन कैमरों से संदिग्धों की पहचान

यही नहीं कुछ चौराहों पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं. इनमें संदिग्ध का चेहरा अगर फीड किया जाता है और वह किसी चौराहे पर दिखता है तो उसकी पहचान कैमरा कर लेता है और कमांड सेंटर में मैसेज भेज देता है. 

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गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह कहती हैं कि महिला सुरक्षा के लिहाज से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट संवेदनशील हैं. यहां इस तरह के कैमरे लगाने की बड़ी योजना पर काम चल रहा है. लक्ष्मी सिंह ने कहा, देखिए कई औद्योगिक एरिया और कॉलेज के चलते हम ग्रेटर नोएडा को खास फोकस कर रहे हैं. यहां कुछ जगहों की हमने निशानदेही की है.

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सड़कों पर महिला पुलिस की मौजूदगी बढ़ी

हालांकि ऐसा भी नहीं है कि केवल कैमरे और पैनिक बटन के सहारे ही पुलिस है, सड़कों पर भी महिला पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जा रही है. सेक्टर 138 थाने की महिला SHO सुनीता मलिक तेजतर्रार हैं. बड़ी तादात में कॉल सेंटर और कॉलेजों की मौजूदगी के चलते उनको इस थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दफ्तर आने और जाने के वक्त वे खुद पैदल गश्त करती हैं. साथ ही एक पिंक चौकी खासतौर पर महिलाओं के लिए बनाई गई है ताकि किसी भी वक्त महिला यहां मदद को आ सकें और कुछ देर आराम भी कर सकें.

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि अभी चार पिंक चौकी बनाई गई हैं. सेफ सिटी अभियान के तहत 20 से ज्यादा पिंक चौकी बनाई जानी हैं. 

सुरक्षा को लेकर यह प्रयोग केवल गौतमबुद्ध नगर में ही नहीं हो रहे हैं बल्कि लखनऊ, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में 32,544 जगह पर 66,343 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनकी मदद से डकैती की 52, हत्या की 17, अपहरण के 12, बलात्कार व छेड़खानी की आठ, चोरी की 171 व अन्य 35 आपराधिक घटनाओं में बदमाशों का सुराग मिला.

उत्तर प्रदेश के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि बीते एक साल के भीतर छेड़खानी करने वाले 6661 युवकों को एंटी रोमियो स्क्वाड ने बुक किया है. कोशिश यही है कि AI और पुलिस की ज्यादा मौजूदगी से महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में कमी लाई जाए.

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