पूर्वांचल में गंगा पूरे उफान पर है. इलाहाबाद में गंगा खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही हैं तो बलिया में ढाई मीटर खतरे के निशान से ऊपर है. बाबा विश्वनाथ की नगरी, वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है और मिर्जापुर चंदौली में भी गंगा का तकरीबन यही हाल है. गंगा के बाढ़ से पूर्वांचल के जिलों के गंगा के किनारे के निचले इलाकों में पानी भर गया है. वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर, जो जलासेन घाट से सीधे विश्वनाथ मंदिर की ओर जाता है, वहां भी ऊपर तक पानी आ गया है. मणिकर्णिका घाट में अंतिम संस्कार छत के ऊपर हो रहा है.
प्रशासन ने दावा किया कि शिविर में रह रहे व्यक्तियों के भोजन-पानी का समुचित प्रबंधन करने के साथ ही साफ बिस्तर, प्रकाश, शौचालय, मेडिकल सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गयी है. शिविर में विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया है. यहां के कई घाट और आस-पास के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग विस्थापन को मजबूर हैं. बाढ़ से प्रभावित होने वाले पशुओं के लिए भूसा की व्यवस्था की गयी है तथा राहत शिविरों में पशु चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं.
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