कृमि मुक्त दिवस पर पूरे देश में स्कूली बच्चों को दवा पिलाई गई (फाइल फोटो)
लखनऊ:
बच्चों को पेट से कीड़ों से मुक्त रखने के लिए मनाए जाने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर उत्तर प्रदेश में दवा पीने से कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. बच्चों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया. जानकारी के मुताबिक, अंबेडकरनगर जिले में गुरुवार को अर्धवार्षिक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को पिलाई जा रही कीड़े की दवा (एल्बेंडाजोल) पीने से एक विद्यालय के नौ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. बच्चों को उल्टी होने के बाद तुरंत जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया.
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यह घटना अकबरपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कशेरुआ की है. स्वास्थ्य विभाग की टीम इस विद्यालय में छात्रों को कीड़े की दवा खिलाने पहुंची. दवा खाने के बाद कुछ छात्रों को उल्टी होने लगी. इससे विद्यालय में हड़कंप मच गया. उल्टी से प्रभावित उत्तम , काजल, अंकेश, विजय प्रकाश, सौंजल, पूजा, अंतिमा, प्रियांसी, सोनाली को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है. बच्चों की हालत अब बेहतर बताई जा रही है. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह ने कहा कि सभी बच्चों की हालत ठीक है.
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बता दें कि वर्ष में दो बार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य सरकारी, निजी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि मुक्त करना है. यह दिवस एकल दिवस वाला विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. गौरतलब है कि विश्व में कृमि संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित बच्चे भारत में ही हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यह घटना अकबरपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कशेरुआ की है. स्वास्थ्य विभाग की टीम इस विद्यालय में छात्रों को कीड़े की दवा खिलाने पहुंची. दवा खाने के बाद कुछ छात्रों को उल्टी होने लगी. इससे विद्यालय में हड़कंप मच गया. उल्टी से प्रभावित उत्तम , काजल, अंकेश, विजय प्रकाश, सौंजल, पूजा, अंतिमा, प्रियांसी, सोनाली को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है. बच्चों की हालत अब बेहतर बताई जा रही है. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह ने कहा कि सभी बच्चों की हालत ठीक है.
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बता दें कि वर्ष में दो बार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य सरकारी, निजी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि मुक्त करना है. यह दिवस एकल दिवस वाला विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. गौरतलब है कि विश्व में कृमि संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित बच्चे भारत में ही हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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