उत्तर प्रदेश (UP) में विधानसभा का सत्र सोमवार को शुरू हुआ. यह सत्र एक हफ़्ते तक चलेगा. सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने योगी सरकार (Yogi Government) के खिलाफ प्रदर्शन किया. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन किया गया. सपा का विरोध मार्च पार्टी दफ़्तर से यूपी विधानसभा तक निकाला जाना था लेकिन प्रशासन ने इसे बीच में ही रोक दिया. सपा का यह प्रदर्शन मुख्य रूप से लखीमपुर में दो बहनों के साथ बलात्कार और हत्या मामले पर जल्द कार्रवाई करने की मांग को लेकर था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सपा से शिष्टाचार की उम्मीद नहीं है. विधानसभा में हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं.
समाजवादी पार्टी के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सपा दफ़्तर से लेकर यूपी विधानसभा तक कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे. हज़ारों की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं के प्रति अपराधों और कानून व्यवस्था की बदहाली समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सभी विधायक और विधान परिषद सदस्य पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च करके विधानमंडल सत्र में हिस्सा लेने के लिए निकले थे. पार्टी के विधानसभा एवं विधानपरिषद सदस्य विधानमण्डल के मॉनसून सत्र में शामिल होने के लिए पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से पैदल विधानसभा जा रहे थे. इस पदयात्रा का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कर रहे थे.
पैदल मार्च में शामिल विधायकों और विधान परिषद सदस्य के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं के शोषण, कानून व्यवस्था की बदहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में गड़बड़ी, बिजली संकट, किसानों नौजवानों के साथ हो रहे अन्याय से जुड़े मुद्दों का जिक्र था. सपा की यह पदयात्रा पार्टी कार्यालय से शुरू हुई थी और आगे यह राजभवन और जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने से गुजरने वाली थी. प्रशासन ने सपा कार्यकर्ताओं को रास्ते में रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया.
गौरतलब है कि सपा विधायकों को 14 से 18 सितंबर तक विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन करना था लेकिन प्रशासन ने विभिन्न आदेशों का हवाला देते हुए उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. इसके बाद पार्टी ने अपना कार्यक्रम निरस्त करते हुए पद यात्रा निकालने का फैसला किया था.
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