- समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट डकैती का गंभीर आरोप लगाया था.
- उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि शिकायत में शामिल किसी भी मतदाता का ओरिजनल एफिडेविट नहीं मिला.
- शिकायत 33 जिलों के 74 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित है, जिसमें से पांच क्षेत्रों की जांच पूरी हो चुकी है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की तरफ से पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनावी भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा था कि भाजपा, चुनाव आयोग और अधिकारी मिलकर 'वोट डकैती' कर रहे हैं. इस पर अब उत्तर प्रदेश के सीईओ ने एक बयान जारी कर जवाब दिया है. यूपी के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने कहा है कि 18 हजार एफिडेविट के साथ की गई शिकायत का जो जिक्र बार-बार किया जा रहा है, उसके संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि एक भी मतदाता के एफिडेविट की ओरिजनल कॉपी नहीं हासिल हुई है.
33 जिलों से जुड़ीं शिकायतें
उन्होंने कहा कि ईमेल के जरिये से समाजवादी पार्टी की ओर से जो शिकायत दर्ज कराई गई है उसमें करीब 3919 अलग-अलग नाम के व्यक्तियों के शपथ पत्रों की स्कैन्ड कॉपी जरूर मिली हैं. सीईओ ने बताया कि शिककायत 33 जिलों के 74 विधानसभा क्षेत्रों से जुड़ी हैं. 5 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित शिकायत की जांच पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि एक्स के जरिये से आम जनता के सामने जांच का नतीजा भी पेश किया जा चुका है.
जांच में क्या आया सामने
उन्होंने बताया कि अभी तक जिन पांच विधानसभा क्षेत्रों की जांच पूरी हुई है उनमें यह पाया गया है के ऐसे व्यक्तियों के नाम से नवम्बर 2022 में एफिडेविट बने हैं जिनकी मृत्यु साल 2022 से कई साल पहले हो चुकी है. इन व्यक्तियों ने अपने नाम से बने एफिडेविट की स्कैन्ड कॉपी दिखाने पर ऐसा कोई भी शपथ पत्र देने से साफ इनकार कर दिया है. गौरतलब है कि कानूनन गलत सबूत देना अपराध माना जाता है.
क्या था अखिलेश का आरोप
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि भाजपा गरीबों का वोट कटवा रही है. उनका कहना था कि समाजवादी पार्टी ने साल 2022 में गलत तरीके से काटे गए वोटों को लेकर आवाज उठाई तो चुनाव आयोग ने नोटिस भेज दिया था. समाजवादी पार्टी ने वोटर लिस्ट से डिलीट किए गए 18 हजार वोटरों की लिस्ट एफिडेविट के साथ चुनाव आयोग को भेजी थी, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. उनका कहना था कि जब वोट चोरी और वोट काटने का मामला उठा तो मुख्य चुनाव आयोग ने कह दिया कि कोई एफिडेविट नहीं मिला.