- मायावती ने बीजेपी सरकार पर संविधान में छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है.
- उन्होंने कहा कि संविधान को कमजोर करने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.
- मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी को एक जैसी सोच वाला बताया है.
- उन्होंने दलितों और कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और सहयोगी राजनीतिक दलों पर संविधान से छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर के बनाए गए मानवतावादी संविधान को बार-बार कमजोर करने की कोशिश हो रही है, जिसे बीएसपी बर्दाश्त नहीं करेगी. मायावती ने कहा कि बाबा साहब ने आजीवन संघर्षों के आधार पर 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' के मंत्र के साथ देश निर्माण के लिए मानवतावादी संविधान दिया, लेकिन पहले कांग्रेस और अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के तहत संविधान में अनावश्यक संशोधन किए हैं.
उन्होंने कहा, 'दोनों पार्टियां बाहर से अलग दिखती हैं लेकिन अंदर से एक जैसी हैं. ये लोग संविधान की आत्मा को बदलना चाहते हैं और देश को फिर जातिवादी ढांचे में धकेलना चाहते हैं.' मायावती ने दो टूक कहा, 'संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी. अगर आरएसएस या बीजेपी कुछ भी कहे, हमें फर्क नहीं पड़ता. संविधान से अगर छेड़छाड़ की गई, तो बीएसपी चुप नहीं बैठेगी.'
...नहीं तो सड़कों पर उतरेंगे कार्यकर्ता
बीएसपी प्रमुख ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यदि संविधान विरोधी गतिविधियां नहीं रोकी गईं तो बीएसपी सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि दलित, पिछड़े, आदिवासी और कमजोर वर्गों को जो अधिकार संविधान ने दिए हैं, उन्हें छीना नहीं जा सकता.
चुनाव आयोग पर निशाना!
उन्होंने केंद्र से वोटर लिस्ट सुधार, आरक्षण से छेड़छाड़ और भाषा के नाम पर हो रही राजनीति पर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पारदर्शिता बरतनी चाहिए.
मायावती ने कहा कि वोटर लिस्ट में सुधार को लेकर किस्म-किस्म की जोर भ्रामक बातें कही जा रही हैं, चुनाव आयोग को उन पर स्थिति साफ करनी चाहिए. सभी राजनीतिक पार्टियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए.
बसपा प्रमुख ने इन मुद्दों पर भी रखी राय
मायावती ने देश में महिलाओं की सुरक्षा की भी बात उठाई. उन्होंने कहा कि बंगाल समेत देशभर में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और यह बेहद चिंता का विषय है. इसके अलावा उन्होंने धार्मिक आयोजनों को लेकर हो रही जातीय हिंसा और टकराव पर भी केंद्र सरकार को फटकार लगाई.
उन्होंने बीएसपी के संगठनात्मक ढांचे पर भी बात की और बताया कि पार्टी देशभर में जमीनी स्तर पर जनाधार बढ़ाने में जुटी है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में संगठन की बैठकें चल रही हैं और जब तक पार्टी हर स्तर पर संगठित नहीं हो जाती, यह प्रक्रिया जारी रहेगी.