Ganga Dussehra 2022 Photos: वाराणसी के घाटों पर उमड़े श्रद्धालु, गंगा में लगा रहे आस्था की डुबकी

इस दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान करने का संयोग नहीं बन रहा है तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

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वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
वाराणसी::

आज गंगा दशहरा है. इस अवसर पर वाराणसी के सभी घाटों पर लोग आस्था और श्रद्धा की डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि इस दिन स्नान कर दान करने से उन्हें अक्षय पुण्य की लाभ होता है. बनारस के अलावा बिहार-झारखंड में भी लोग गंगा समेत अन्य नदियों (जहां गंगा नहीं बहती) में स्नान कर दान-पुण्य कर रहे हैं. माना जाता है कि राजा भागीरथ अपने पुरखों को तारने के लिए गंगा को आज के ही दिन स्वर्ग से पृथ्वी पर लेकर आए थे. तब से गंगा भारतवर्ष की जीवन रेखा बनी हुई है. 

गंगा दशहरा का महत्व 

हिंदू धर्म में गंगा दशहरा को बेहद खास महत्व दिया गया है. धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मां गंगा का आगमन हुआ था. मतलब इस दिन मां गंगा स्वर्ग के धरती पर आई थीं. माना जाता है कि गंगा दशहारा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. इसके अलावा इस दिन दान का भी विशेष महत्व है. 

गंगा दशहरा पूजा विधि 

गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा है, इसलिए लोग इस दिन गंगा में डुबकी लगाते हैं. आप चाहें तो अपने आस-पास के किसी अन्य नदी या तालाब में भी स्नान कर सकते हैं. स्नाने के वक्त 'गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती,  नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु' इस मंत्र का जाप किया जा सकता है. 

अगर इस दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान करने का संयोग नहीं बन रहा है तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

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