कानपुर देहात के कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को हुई दिशा जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक जंग का अखाड़ा बन गई. अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले और राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति व पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी के बीच ऐसी तू-तू, मैं-मैं हुई कि बात एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक पहुंच गई. इस हाई-वोल्टेज ड्रामे का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें दोनों वरिष्ठ नेता एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते दिख रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
मामले की शुरुआत अकबरपुर नगर पंचायत के मिर्जा तालाब की जांच को लेकर हुई. पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने, जो बैठक में राज्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए थे. भारत सरकार द्वारा नामित सदस्यों और तालाब की जांच को लेकर सवाल उठाए. अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट अनिल शुक्ल वारसी ने जांच को दबाने और अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए सीधे सांसद देवेंद्र सिंह भोले को घेर लिया.
जिलाधिकारी और एसपी की कोशिशें हुईं नाकाम
बस फिर क्या था, सांसद भोले के समर्थन में कई सदस्य खड़े हो गए और बैठक में हंगामा शुरू हो गया. देखते ही देखते दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. जिलाधिकारी और एसपी समेत अन्य अधिकारी बीच-बचाव की कोशिश करते रहे, लेकिन दोनों ही नेता एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार करते रहे.
बैठक के बाद पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने सांसद भोले पर हमला बोलते हुए कहा, 4-5 गुंडों को समिति का सदस्य बना दिया गया है. ये लोग मीटिंग में लोगों को टारगेट करते हैं और उनकी बेइज्जती करते हैं. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि ये सदस्य लोगों पर फर्जी मुकदमे लिखवाते हैं और फैक्ट्री मालिकों को टारगेट कर वसूली करते हैं.
वहीं सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पलटवार करते हुए अनिल शुक्ला वारसी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, अनिल शुक्ला न तो भारत सरकार को मानते हैं, न प्रदेश सरकार को. मुझे सांसद नहीं मानते तो यह जनता का अपमान है. भोले ने आरोप लगाया कि वारसी बेईमान अधिकारियों और फैक्ट्री मालिकों को बचाने आए हैं. उन्होंने कहा, ये चोरों को बचा रहे हैं और खनन कराने के लिए दबाव बनाते हैं. इन्हें इलाज की जरूरत है.














