नाले में गिरने से सुरेश की मौत के बाद सीएम योगी ने अफसरों को लगाई लताड़, बैठक में दिए ये निर्देश

जलनिकासी, राहत और बचाव काम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज अपने घर पर संबंधित विभागों के अफसरों की बैठक ली. उत्तर प्रदेश में हाल की बरसात के कारण उत्पन्न परिस्थितियों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदियों के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी पर चर्चा हुई.

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जलनिकासी, राहत और बचाव काम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों की बैठक ली. (फाइल)
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  • लखनऊ में खुले नाले में गिरने से सुरेश लोधी की मौत हो गई, जबकि स्थानीय लोगों ने कई बार नाले पर ढक्कन न होने की शिकायत की थी.
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलनिकासी, राहत और बचाव कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.
  • CM योगी ने नगर निकायों को सीवर लाइनें और ड्रेनेज सिस्टम नियमित साफ करने तथा जलभराव से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए.
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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक खुले नाले में गिरकर सुरेश लोधी की जान चली गई. इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में यूपी सरकार की जमकर आलोचना हुई. करीब 28 घंटों तक SDRF की टीम सुरेश को बचाने में जुटी रही, लेकिन कोशिश काम नहीं आई. स्‍थानीय लोगों ने नाले पर ढक्कन न होने की शिकायत कई बार नगर निगम और नगर विकास विभाग के अफसरों से की थी, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार सुरेश लोधी की मौत हो गई और यह बात सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंची. भविष्य में फिर कभी ऐसा न हो, इसके लिए सोमवार को उन्होंने अफसरों के साथ बैठक की और नगर विकास विभाग के अधिकारियों के पेंच कसे.

जलनिकासी, राहत और बचाव काम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज अपने घर पर संबंधित विभागों के अफसरों की बैठक ली. उत्तर प्रदेश में हाल की बरसात के कारण उत्पन्न परिस्थितियों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदियों के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.

तत्‍काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा के चलते जलभराव, सड़क क्षति और कुछ क्षेत्रों में नदियों के जलस्तर में तेज वृद्धि देखी गई है. इस पर सतत निगरानी रखी जाए. संबंधित विभागों, नगर निगमों, विकास प्राधिकरणों और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए कि जलनिकासी की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से सुचारू बनाया जाए. सभी जलभराव प्रभावित क्षेत्रों से जल निकासी यथाशीघ्र की जाए, जिससे नागरिकों को राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत या आपात सूचना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बुंदेलखंड सहित प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां भारी वर्षा हुई है, वहां जलशक्ति मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव वहां जाकर निरीक्षण करें. उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के उन 16 जिलों का विशेष उल्लेख किया जहां औसत से कम वर्षा हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध हो, इसकी अग्रिम व्यवस्था की जाए जिससे खेती-किसानी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े.

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सीवर लाइनें और ड्रेनेज सिस्टम की सफाई के निर्देश 

मुख्यमंत्री ने नगर निकायों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सीवर लाइनें और ड्रेनेज सिस्टम नियमित रूप से साफ हों. जलभराव के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता पर की जाए. विद्युत विभाग को निर्देशित किया कि जलभराव वाले इलाकों में विद्युत आपूर्ति प्रबंधन अत्यंत सावधानी से करें, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो.

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मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ की आशंका वाले संवेदनशील इलाकों में पहले से ही पर्याप्त प्रबंध कर लिए जाएं. राहत और बचाव दलों को सतर्क रखा जाए और नाव, सर्च लाइट, जीवन रक्षक उपकरण, मेडिकल किट जैसी सभी आवश्यक सामग्रियां पूरी तत्परता के साथ तैयार रहें. तटवर्ती क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को सक्रिय मोड में रखा जाए.

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किसी भी हालत में जनहानि और पशुहानि न हो: सीएम योगी

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में जनहानि या पशुहानि न हो, इसके लिए प्रशासन पूर्ण सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करे. संकट की घड़ी में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, उन्हें भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई लापरवाही न हो. सीएम योगी ने सभी डीएम को अपने जिलों में बाढ़ की स्थिति की भौतिक समीक्षा करने और 24×7 नियंत्रण कक्षों के माध्यम से निरंतर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए.

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