सीबीआई ने आज मेरठ में केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) से जुड़े एक बड़े घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए एडिशनल डायरेक्टर, ऑफिस सुपरिंटेंडेंट और एक प्राइवेट व्यक्ति को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इन पर मेरठ के एक निजी अस्पताल समूह से ₹50 लाख रिश्वत मांगने का आरोप है.
क्या है मामला
शिकायत मेरठ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ग्रुप के डायरेक्टर ने दी थी. यह ग्रुप मेरठ और आसपास कई अस्पताल चलाता है. आरोप है कि 8 जुलाई 2025 को CGHS टीम ने ग्रुप के दो अस्पतालों का अचानक निरीक्षण किया और उसके बाद जानबूझकर खामियां बताकर नोटिस थमा दिए. मकसद था अस्पतालों से मोटी रकम वसूलना.
₹50 लाख की रिश्वत की मांग
शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने धमकी दी कि अगर ₹50 लाख नहीं दिए तो अस्पतालों को CGHS की सूची से बाहर कर दिया जाएगा. दबाव डालकर रकम जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया. बातचीत के बाद एडिशनल डायरेक्टर ने पहले किस्त के रूप में ₹5 लाख 12 अगस्त को लेने पर सहमति दी.
CBI का ट्रैप और गिरफ्तारी
सीबीआई ने जाल बिछाया और आज दोनों सरकारी अफसरों व एक प्राइवेट व्यक्ति को ₹5 लाख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. ये रकम ₹50 लाख की कुल मांग का पहला हिस्सा थी. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के घरों पर तलाशी ली जा रही है.
गिरफ्तार आरोपी
1. अजय कुमार – एडिशनल डायरेक्टर, CGHS, मेरठ
2. लवेश सोलंकी – ऑफिस सुपरिंटेंडेंट, CGHS, मेरठ
3. रईस अहमद – निजी व्यक्ति
सीबीआई का कहना है कि मामले की जांच जारी है और आगे और खुलासे हो सकते हैं.