- बरेली में ‘आई लव मोहम्मद विवाद के बाद भड़की हिंसा में अब तक पुलिस ने 56 लोगों को गिरफ्तार किया
- मौलाना तौकीर रजा के करीबी नदीम खान को पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया है
- इस मामले का एक और आरोपी डॉ नफीस अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.
उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद' विवाद के बाद भड़की हिंसा के बाद से पुलिस का एक्शन जारी है. इसी सिलसिले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा के करीबी नदीम खान को भी पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया है. नदीम खान ने एक पुलिसकर्मी का हैंडसेट छीन लिया था, ताकि वह पुलिस की आंतरिक जानकारी हासिल कर सकें.
पुलिस की गिरफ्त में नदीम
तौकीर रजा की अपील पर नदीम के साइन
इसके अलावा, मौलाना तौकीर रजा द्वारा जारी की गई एक अपील पर नदीम खान के साइन थे, लेकिन बाद में उन्होंने व्हाट्सएप पर संदेश भेजकर दावा किया कि वह साइन फर्जी हैं और अपील भी नकली है. पुलिस का कहना है कि नदीम खान ने कई बार प्रशासन को गुमराह किया है. जांच में यह भी सामने आया है कि कई लोग पर्दे के पीछे रहकर इस हिंसा की सुनियोजित साजिश रच रहे थे.
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पुलिस ने फरहत और फरमान को भेजा जेल
फाइक इन्क्लेव में रहने वाले फ़रहत और फ़रमान को जेल भेजा गया है. फ़रहत से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. पुलिस को यह भी पता चला है कि इस साजिश में नाबालिग बच्चों को आगे कर उनका इस्तेमाल किया गया. इस मामले में डॉ. नफीस अभी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें गठित की गई हैं. पुलिस फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की भी जांच कर रही है कि किन-किन लोगों के बीच पैसे का लेन-देन हुआ. फ़रहत की भूमिका को भी इस साजिश में बेहद अहम माना जा रहा है.
डॉ. नफीस जो कि अभी फरार है
डॉ. नफीस पर कसा जा रहा शिकंजा
डॉ. नफीस पर अब शिकंजा कसना भी शुरू किया जा चुका है. नफीस की संपत्तियों को अब सील किया जा रहा है. बरेली के सिविल लाइंस की संपत्तियों को सील करने निगम की टीम पहुंची है. जहां पर दो दर्जन से ज़्यादा दुकानों को सील किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक तीन बजे तक का वक़्त दिया गया था, इसलिए लोग दुकानें ख़ाली कर रहे हैं. डॉ नफीस तौकीर रजा की पार्टी का प्रवक्ता रह चुका है.