- नरवल तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान एक युवक ने अपनी फरियाद न सुनने पर खुद पर पेट्रोल डालने की कोशिश की
- युवक रणजीत का आरोप है कि पड़ोसियों ने उसके घर की नाली तोड़कर बंद कर दी है जिससे मकान में जलभराव हो रहा है
- रणजीत ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है और पड़ोसी लगातार उसे धमकाते हैं, पुलिस भी मदद नहीं करती
शनिवार का दिन, स्थान नरवल तहसील, और मौका था संपूर्ण समाधान दिवस का. फरियादियों की भीड़ उम्मीद लगाए बैठी थी कि जिले के सबसे बड़े अधिकारी (DM) उनकी समस्याएं सुनेंगे. लेकिन इससे पहले की कुछ लोगों की फरियाद सुनी जाती तभी भीड़ से चीखता हुआ एक युवक बाहर निकला और उसने खुद पर पेट्रोल डाल लिया. एकाएक जिस रूम में कुछ देर पहले तक शांति थी वहां युवक का शोर गूंजने लगा और पेट्रोल की गंध फैलने लगी. युवक ने तेज आवाज में कहा - साहब! कोई नहीं सुनता, आज जान दे देंगे।
डीएम के सामने हो रहे इस बवाल को समय रहते रोकने के लिए वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में उस युवक को पकड़ लिया. पुलिस ने शख्स की पहचान रणजीत उर्फ बउवन सिंह के रूप में की. जब रणजीत से पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसका जवाब सिस्टम के मुंह पर तमाचे जैसा था. रणजीत ने कहा कि हमने फिल्मों में देखा था कि जब सीधे तरीके से प्रशासन नहीं सुनता, तो ऐसे ही अपनी बात सुनानी पड़ती है, इसलिए पेट्रोल डाल लिया.
जांच में पता चला कि करबिगवां साढ़ गांव के रहने वाले रणजीत की हताशा का कारण एक नाली का विवाद है.रणजीत का आरोप है कि उसके ही परिवार के सत्येंद्र,अभय सिंह और अखिलेश सिंह ने उसके घर की नाली तोड़कर बंद कर दी है. रणजीत का मकान कच्चा है. नाली बंद होने से गंदा पानी मकान की नींव में भर रहा है, जिससे घर कभी भी गिर सकता है और पूरा परिवार बेघर हो सकता है.पिता महावीर सिंह का 5 साल पहले निधन हो चुका है. रणजीत अपने दो भाइयों और विधवा मां के साथ खेती कर गुजर-बसर करता है.
पीड़ित युवक का कहना है कि पड़ोसी उसे धमकाते हैं. वे कहते हैं, मेरा बेटा फौज में है, तुम कहीं भी शिकायत कर लो, हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा. रणजीत की मां,रानी ने रोते हुए बताया कि पड़ोसी महिलाओं ने उनके साथ मारपीट की है. यहां तक कि छाती पर चढ़कर मारा. जब ये मां-बेटे थाने गए, तो पुलिस ने भगा दिया. मां का आरोप है कि पुलिस ने विपक्षियों से पैसा खा लिया है. वे जितनी बार नाली ठीक करती हैं, पड़ोसी उसे फिर तोड़ देते हैं.
रणजीत का कहना है कि वह न्याय की गुहार लेकर स्थानीय थाने से लेकर एसडीएम (SDM) और लखनऊ तक के चक्कर काट चुका है. हर जगह से उसे सिर्फ आश्वासन या फटकार मिली, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. इसी हताशा में उसने डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने अपनी जीवनलीला समाप्त करने का फैसला किया.
घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया. डीसीपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि युवक को सुरक्षित रोक लिया गया है. उसकी शिकाय थी कि पड़ोसी नाली के पानी को रोकते हैं जिससे जलभराव होता है, शिकायत को गंभीरता से लिया गया है. मौके पर एसीपी (ACP) और एसडीएम (SDM) को तत्काल जांच और समाधान के लिए भेजा गया है.
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