भारत में जब भी निवेश की बात आती है, तो हम सबसे पहले 'सोने' (Gold) के बारे में सोचते हैं. लेकिन साल 2025 में चांदी (Silver) की कीमतों में आई तेजी ने निवेशकों और आम जनता दोनों को हैरान कर दिया है. साल 2025 चांदी के निवेशकों के लिए किसी सरप्राइज से कम नहीं रहा. रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड टूटे और चांदी ने ऐसा रिटर्न दिया कि शेयर बाजार और सोना भी पीछे रह गया.
महज एक साल के भीतर चांदी ने 130% का मल्टीबैगर रिटर्न देकर लोगों के पैसे को दोगुने से भी ज्यादा कर दिया है. अब निवेशकों के मन में एक ही सवाल है कि क्या 2026 में भी चांदी यही तेजी दिखाएगी और क्या इसकी कीमत 2.5 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती है.
आखिर चांदी में अचानक ऐसी क्या आग लगी है? क्या अभी भी इसमें पैसा लगाना समझदारी है या मौका हाथ से निकल चुका है? आइए समझते हैं ...
इंडिया बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक, सोमवार 22 दिसंबर को चांदी की कीमत करीब 2,07,960 रुपये प्रति किलो के आसपास दर्ज की गई. हाल के दिनों में चांदी में तेज उछाल देखने को मिला है हालांकि बीच में हल्की गिरावट भी आई है लेकिन कुल मिलाकर बाजार का मूड अभी मजबूत बना हुआ है.
सोने से आगे निकल गई चांदी
साल 2026 में अब तक सोने की कीमतें करीब 60 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं लेकिन चांदी ने इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है. साल 2025 में चांदी करीब 130 फीसदी तक चढ़ चुकी है. यही वजह है कि चांदी ने रिटर्न के मामले में गोल्ड को भी पीछे छोड़ दिया है और निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है.
क्यों बढ़ रही है चांदी की कीमत?
पीएल कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी की कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह इंडस्ट्री की मजबूत मांग है. इलेक्ट्रिक व्हीकल सोलर एनर्जी बैटरी सेमीकंडक्टर मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. इन सेक्टर की ग्रोथ ने चांदी की मांग को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.
सप्लाई कम मांग ज्यादा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चांदी की सप्लाई उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाई है जितनी तेजी से मांग बढ़ रही है. बाजार में लंबे समय से सप्लाई की कमी बनी हुई है और यही वजह है कि 2026 के लिए भी चांदी का आउटलुक मजबूत नजर आ रहा है.
MCX पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भाव
एमसीएक्स पर चांदी ने बीते हफ्ते करीब 15,588 रुपये यानी 8 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखाई. शुक्रवार को चांदी 2,08,603 रुपये प्रति किलो के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंच गई थी. इसके बाद थोड़ी मुनाफावसूली देखने को मिली लेकिन गिरावट ज्यादा गहरी नहीं रही.
सर्राफा बाजार में चांदी के भाव में उतार चढ़ाव
दिल्ली सर्राफा बाजार में 19 दिसंबर को चांदी रिकॉर्ड स्तर से फिसलकर करीब 3,500 रुपये गिरकर 2,04,100 रुपये प्रति किलो पर आ गई. इससे एक दिन पहले चांदी 2,07,600 रुपये प्रति किलो के नए शिखर पर पहुंची थी.
2025 में चांदी ने निवेशकों को किया मालामाल
अगर पूरे साल 2025 की बात करें तो चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. साल की शुरुआत में यानी 1 जनवरी 2025 को चांदी करीब 90,500 रुपये प्रति किलो पर थी. कुछ ही महीनों में इसमें करीब 1,17,000 रुपये से ज्यादा की तेजी आई जो लगभग 130 फीसदी रिटर्न के बराबर है.
साल 2026 में कहां तक जा सकती है चांदी की कीमत?
मार्केट एक्सपर्ट्स अब दावा कर रहे हैं कि साल 2026 तक चांदी की कीमत ₹2.5 लाख प्रति किलो के जादुई आंकड़े को छू सकती है.
अगर इंडस्ट्री की मांग ऐसी ही बनी रही और सप्लाई की कमी जारी रही तो 2026 में चांदी ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती है. बीच में मुनाफावसूली जरूर आ सकती है लेकिन लंबे समय के नजरिये से चांदी का ट्रेंड अभी भी पॉजिटिव नजर आ रहा है.














