Cyber Fraud Case: देशभर में आजकल ऑनलाइन पेमेंट का चलन काफी बढ़ गया है. हम यूपीआई या फिर डेबिड-क्रेडिट कार्ड के जरिये मिनटों में घर बैठे कोई भी ट्रांजैक्शन सेकेंड में कर लेते हैं. वहीं, घर बैठे हमें लोन से लेकर बैंकिंग से जुड़ी कई सुविधाएं मिल जाती हैं. लेकिन ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बढ़ने के साथ ही इंटरनेट के जरिए फ्रॉड के मामलों में भी काफी इजाफा हुआ है. आजकल कई तरह की धोखाधड़ी की घटना सामने आ रही है, जिसमें मिनटों में स्कैमर्स आपके बैंक अकाउंट को खाली कर पैसे उड़ा ले जाते हैं.
नए तरीके से लोगों के लूट रहे स्कैमर्स
कई बार स्कैमर्स धोखाधड़ी के लिए आपको कॉल करके ओटोपी मांगने का तरीका अपनाते हैं, तो कई बार बैंक या फिर कोई सरकारी अधिकारी बताकर आपसे पैसे ऐठनें की कोशिश करते हैं. हालांकि, मार्केट में अब एक नया स्कैम आ गया है. जिसमें आपके बैंक अकाउंट में पैसे न होने पर भी स्कैमर्स आपको लूट सकते हैं.
आपको इस बात पर यकीन हो न हो पर यह सच है. हम आपको यह दावे के साथ इसलिए कह सकते हैं क्योंकि इस धोखाधड़ी का शिकार हमारे सहयोगी खुद हो चुके हैं. चलिए आपको डिटेल में इस घटना के बारे में बताते हैं. इसके साथ ही हम कुछ सामान्य तरीके भी बताएंगे, जिससे आपके साथ इस तरह की धोखाधड़ी न हो.
इस तरह स्कैमर्स ने अपने जाल में फंसाया
दरअसल, हमारे सहयोगी रविकांत ओझा को स्कैमर्स ने अपना शिकार बनाया. उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाला खुद को बैंक का अधिकारी बताते हुए उनसे कहा जाए कि आपके क्रेडिट कार्ड का चार्ज लगेगा. इसके तुरंत बाद उन्हें एक लिंक भेजा गया. जैसे ही उन्होंने उस लिंक को खोला उनके बैंक अकाउंट से सारे पैसे कट गए. उन्हें न तो कोई ओटीपी आया और न ही उनसे स्कैमर्स ने ओटोपी मांगी. इसके बाद जब उन्होंने स्कैमर्स को डांट लगाई तो उसने कहा कि ये गलती हो गया है और पैसे कुछ ही देर में लौटाने के लिए राजी हो गया. लेकिन फिर स्कैमर्स ने ऐसी चाल चली जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं.
इस पूरी घटना के दौरान स्कैमर्स ने रविकांत को अपनी बातों में उलझा कर रखा. फिर अचानक से उनके अकाउंट में 1,47,000 हजार क्रेडिट हो गए. इसे देखकर उन्होंने आग्रह किया कि ये पैसे मेरे नहीं, हैं कृप्या इसे वापस ले लें और हमारे अकाउंट से कटा हुआ पैसा वापस जमा कर दें. इस दौरान उन्हें एहसास होने लगा कि शायद उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. चूंकि, जिस समय ये घटना हुई , रविकांत ऑफिस में ही थे. इसलिए वह जल्दबजी में ऑफिस कैंपस के एटीएम में जाकर बैंक से उनके जितने पैसे निकले थे वह कैश में निकाल आए. यह सोचकर कि कहीं फिर से सारे पैसे गायब न हो जाए.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये स्कैमर्स ने उनके अकाउंट में 1,47,000 हजार जमा क्यों किए? दरअसल, बैंक अकाउंट में ज्यादा पैसे नहीं होने पर स्कैमर्स ने एक नया तरीका अपनाया. उसने रविकांत ओझा के नाम पर अलग-अलग बैंक से ऑनलाइन लोन के लिए अप्लाई किया. जैसे ही लोन के पैसे उनके अकाउंट में ट्रांसफर होकर आया, स्कैमर्स ने उसे गायब कर दिया. हालांकि, जल्दबाजी में ही सही लेकिन जितने भी पैसे रविकांत ने कैश में निकाले थे, वह बच गए.
इससे पहले वह इस पूरी घटना को समझ पाते, स्कैमर्स ने पूरी तरह उन्हें अपने जाल में फंसा लिया था. इस घटना के बारे में उन्होंने कहा, "मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ हैं मैंने फोन काट दिया. लेकिन तब तक मेरे अकाउंट से सारे पैसे जा चुके थे."
धोखाधड़ी के बाद की साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत
इस घटना के बाद उन्होंने बैंक में शिकायत की और अपना अकाउंट भी अस्थाई तौर पर बंद कराया. उन्होंने साइबर क्राइम के तहत शिकायत भी दर्ज करवाई, ताकि इस मामले की पूरी तरह से जांच हो पाए और उनके नाम पर लिए गए लोन के पैसे भी उन्हें वापस मिल सके.
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अपनाएं ये तरीका
आपके साथ इस तरह का फ्रॉड न हो इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक पर गलती से भी क्लिक न करें. इससे आपके फोन का एक्सेस उसके पास जा सकता है. इसके बाद आपके फोन नंबर पर आए कॉल या मैसेज का इस्तेमाल करके वह आपके बैंक अकाउंट खाली कर सकता है. वहीं, आपकी पर्सनल इनफॉर्मेशन भी चुरा सकता है. इसके साथ ही आपको अनजान नंबर से कॉल करने वाले व्यक्ति से अपना पैन कार्ड या अधार नंबर शेयर नहीं करना चाहिए. आपको सार्वजनिक तौर पर अपने फोन नंबर और पर्सनल डिटेल को गलती से भी शेयर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आप इस तरह के स्कैम से बच सकते हैं.