देश में कोविड-19 की दो लहरों के गुजर जाने के महीनों बाद देश काफी हद तक पटरी पर लौट आया है. इस लॉकडाउन के दौरान कई बदलावों के साथ ऑपरेट कर रहा भारतीय रेलवे (Indian Railway News) भी अब अपनी कार्यप्रणाली को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है. इसके तहत अगले कुछ दिनों में रेलवे कई नए बदलाव लागू करने जा रहा है. अगर आप भी रेलवे से सफर करते हैं तो इन बदलावों की जानकारी आपको होनी चाहिए. रेलवे की ओर से कहा गया है कि वह अपनी सेवाओं को कोविड के पूर्व वाली स्थिति में लाने के लिए चरणबद्ध तरीके से कई सेवाओं में बदलाव कर रहा है.
तो आइए एक बार नजर डालते हैं कि रेलवे से जुड़ी क्या-क्या नई चीजें हैं, जो आने वाले कुछ दिनों में हमें दिखाई देंगी
14 नवंबर से 21 नवंबर रेलवे की रेलवे यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) सेवा हर रोज छह घंटे बंद रहेगी. रेलवे ने बताया है कि सेवाओं को सामान्य करने और कोविड-19 से पहले के समय पर चरणबद्ध तरीके से लौटने के प्रयासों के तहत PRS सेवा पर असर पड़ने वाला है. रेलवे प्रणाली के डेटा, नयी ट्रेन संख्या और अन्य कार्यों के अपडेशन के लिए रेलवे यह कदम उठा रही है.
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यह काम 14 और 15 नवंबर की दरम्यानी रात से शुरू होकर 20 और 21 नवंबर की रात तक चलेगा. हर रोज रात 23.30 बजे से शुरू होकर सुबह 5.30 बजे के बीच इसपर काम होगा. इन छह घंटों के दौरान, टिकट आरक्षण, वर्तमान बुकिंग, रद्दीकरण, पूछताछ सेवाओं जैसी कोई यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी. पीआरएस सेवाओं को छोड़कर, 139 सेवाओं सहित अन्य सभी पूछताछ सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी.
लॉकडाउन के दौरान कई बड़ी ट्रेनों का नाम बदलकर उन्हें स्पेशल ट्रेन का नाम दे दिया गया था. लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा. रेलवे ने वापस इन ट्रेनों का नाम पहले सा करने का आदेश दिया है. भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 'स्पेशल' टैग को बंद करने का आदेश जारी किया था. रेलवे बोर्ड ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि ‘कोविड-19 के मद्देनजर सभी नियमित मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें MSPC (मेल/एक्सप्रेस स्पेशल) और HSP (होलीडे स्पेशल) के रूप में चलाई जा रही है. अब यह फैसला किया गया है कि वर्किंग टाइम टेबल, 2021 में शामिल सहित MSPC और HSP ट्रेन सेवाएं नियमित नंबर के साथ चलेंगी.'
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रेलवे के नए बदलावों के तहत माना जा रहा है कि यात्री टिकट में भी गिरावट आएगी. दरअसल, रेलवे बोर्ड ने ही अपने आदेश में यह भी कहा है कि ट्रेनों के टिकट की कीमतें तत्काल प्रभाव से महामारी पूर्व टिकट दर पर वापस लाया जाए. पिछले हफ्ते रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को लिखे पत्र में कहा कि ट्रेनें अब अपने नियमित नंबर के साथ चलाई जाएंगी और किराया कोविड पूर्व दर जैसा सामान्य हो जाएगा.
यहां बता दें कि लॉकडाउन से रेलवे केवल विशेष ट्रेनें चला रहा है. रेलवे ने पहली इसकी शुरुआत लंबी दूरी की ट्रेनों से की थी, लेकिन बाद में 'लोगों को परिहार्य यात्रा से हतोत्साहित' करने के लिए इसे कम दूरी की यात्री सेवाओं को 'थोड़ा अधिक किराए' वाली ट्रेन बनाकर विशेष ट्रेनों के रूप में चलाया जा रहा है. लेकिन रेलवे के स्पेशल टैग को हटाने के बाद से ऐसी ट्रेनों के किराएं में कटौती की संभावना है.
1,700 ट्रेनें होंगी बहालरेलवे के एक अधिकारी ने हाल ही में बताया कि अगले कुछ दिनों में 1,700 से अधिक ट्रेनें बहाल की जाएंगी. ट्रेन नंबर का पहला अंक शून्य (जीरो) नहीं होगा जैसा कि स्पेशल ट्रेनों के मामले में था. हालांकि, कोविड के मद्देनजर लगाये गये प्रतिबंध प्रभावी रहेंगे, जैसे कि छूट, बेड रोल और फूड सर्विस आदि पर अस्थायी प्रतिबंध जारी रहेगा.
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IRCTC के रसोई घरों से मिलेगा सर्टिफाइड शाकाहारी भोजनIRCTC ने धर्मस्थलों को जाने वाली ट्रेनों के लिए शाकाहारी भोजन पकाने, ढुलाई और उसके भंडारण की प्रकिया के प्रमाणन के लिए सोमवार को भारतीय सात्विक परिषद (SCI) के साथ हाथ मिलाया है. IRCTC ने अपने मूलभूत रसोईघरों का तीसरे पक्ष को ऑडिट का निमंत्रण दिया है, ताकि वहां ऐसे भोजन को पकाने में शाकाहारी माहौल सुनिश्चित हो. इसकी शुरुआत दिल्ली और कटरा के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस से की गयी है और बाद में 18 अन्य ट्रेनों में यह लागू किया जाएगा. यह सेवा खास तौर पर धर्मस्थलों वाली ट्रेनों के लिए शुरू हो रही है.
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