आजकल सब्जियों के दाम बढ़ने की वजह से हर घर में महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. देश में पहले प्याज की बढ़ती कीमतों (Onion Prices Hikes) ने लोगों को रुलाया था, लेकिन अब आलू की कीमतें (Potato Prices) भी आसमान छू रही हैं. यह आम लोगों की जेब पर असर डाला रहा है, क्योंकि आलू लगभग हर घर में बनने वाली सब्जी का एक अहम हिस्सा है. इसकी कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों का किचन का बजट बिगड़ रहा है.सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण लोगों का खर्च बढ़ रहा है.
इसके साथ-साथ खाद्य तेलों की कीमतें भी फिर से बढ़ने लगी हैं. हालांकि, थोड़ी राहत की बात यह है कि टमाटर और प्याज की कीमतें (Tomato and Onion Price) पिछले एक महीने में कुछ कम हुई हैं.
आलू की खुदरा कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो
आलू (Potato Rate Today) की कीमतें में बढ़ोतरी लगातार हो रही है. नवंबर में चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद आलू की कीमतों में दिसंबर में भी तेजी जारी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में आलू की कीमतें 37.59 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. हालांकि बाजारों में इसकी खुदरा कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही है.
आलू की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
आलू की कीमतों में बढ़ोतरी के कई कारण हैं. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (रिसर्च) के डायरेक्टर पुशन शर्मा के अनुसार, मार्च में बेमौसम भारी बारिश के कारण पश्चिम बंगाल में आलू की फसल को हुए नुकसान के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.उन्होंने बताया कि कम आवक और कम पैदावार के कारण कोल्ड स्टोरेज स्टॉक में कमी आई, जिसके कारण पिछले साल के निचले आधार से आलू की कीमतों में साल-दर-साल तेज बढ़ोतरी हुई.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ने से भारत में भी इनकी कीमतें प्रभावित हो रही हैं
RBI ने कहा है कि मिट्टी की नमी की स्थिति और जलाशय स्तर रबी की फसल प्रोडक्शन के लिए अच्छा संकेत है और जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में महंगाई 4.5% रहने का अनुमान है.