personal loan Rate : कोरोना काल (Covid Pandemic) में रोजगार गंवाने से लेकर कारोबार में नुकसान ने आर्थिक मुश्किलों को बढ़ा दिया है.इस कारण पर्सनल लोन (Personal Loan), ओवरड्राफ्ट (Overdraft) या क्रेडिट लिमिट (Credit Limit) फैसिलिटी की मांग बढ़ गई है, लेकिन ऐसी स्थिति में हम पसोपेश में रहते हैं कि कौन सी सुविधा लेना बेहतर होगा, जिसमें कम से कम ब्याज दर हो. वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप लंबी अवधि के लिए कर्ज ले रहे हों तो पर्सनल लोन बेहतर है. लेकिन लघु अवधि के लिए कर्ज लेना है तो इमरजेंसी लाइन ऑफ क्रेडिट जैसे ओवरड्राफ्ट या क्रेडिट लिमिट बेहतर विकल्प है.
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घर की मरम्मत, दूसरे कर्ज की अदायगी, मेडिकल इमरजेंसी, शादी-ब्याह जैसे पारिवारिक आय़ोजन, ट्रेवल, वैकेशन, एजुकेशन या किसी स्किल कोर्स के लिए भी पर्सनल लोन ले सकते हैं. पर्सनल लोन लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखें. पहला ये कि पर्सनल लोन हमेशा किसी प्रतिष्ठित कंपनी से लें, जिसके पास इसके लिए लाइसेंस हो. पर्सनल लोन में ओवरड्राफ्ट या क्रेडिट लिमिट के मुकाबले ब्याज दरों को लेकर बेहतर सौदेबाजी कर सकते हैं.
पर्सनल लोन (personal loan) कम क्रेडिट स्कोर पर भी मिल जाता है. गैर बैंकिंग कंपनियां इसका ऑफर देती हैं. विविफाई इंडिया फाइनेंस के सीईओ अनिल पिनपाला अगर आप किसी नामचीन कंपनी में काम करते हैं और आपका किसी बैंक में सैलरी अकाउंट है तो बैंक भी आपको पर्सनल लोन दे सकता है.पर्सनल लोन में ध्यान रखें कि कोई भी ब्याज चक्रवृ्द्धि दर से न लगे. कम ब्याज दर वाला विकल्प ही सबसे बेहतर होगा.
कभी भी किसी लोन ऐप को अपनी पर्सनल जानकारी न दें, वे आपकी जानकारी किसी और से भी साझा कर सकते हैं.वेबसाइट, ऐप रेटिंग्स, कस्टमर फीडबैक आदि के जरिये लोन कंपनी और उसकी सेवाओं के बारे में जान लें, ताकि बाद में कोई असुविधा न हो.
अपवर्ड्स के सीईओ (Upwards CEO) अभिषेक सोनी का का कहना है कि पर्सनल लोन में उसी ईएमआई वैल्यू को चुनें जो आपकी मासिक आय औऱ बचत के अनुसार ठीक हो. साथ ही उतना ही कर्ज लें, जितनी जरूरत हो. कई बार बैंक आपको ज्यादा पर्सनल लोन का ऑफर देते हैं, लेकिन इस पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ेगा.
पर्सनल लोन में एकमुश्त रकम (consolidated loan) लें, न कि छोटे-छोटे टुकड़ों में कर्ज लें. एकमुश्त रकम लोन लेने पर भुगतान करना और ब्याज दरों के लिए सौदेबाजी करना आसान होता है. यह बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री (credit history) तैयार करने में भी मदद करता है.
सोनी के मुताबिक, क्रेडिट स्कोर 600-650 के नीचे पर्सनल लोन मुश्किल हो जाता है या फिर बेहद ऊंची ब्याज दरों पर मिलता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो किसी अन्य को सह आवेदक या गारंटर (guarantor) बनाकर लोन लेना बेहतर विकल्प है. या फिर गोल्ड लोन लेकर बेहतर क्रेडिट प्रोफाइल अच्छा कर सकते हैं.