हिमाचल प्रदेश का चुनाव कांग्रेस पार्टी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के मुद्दे पर जीत गई. इससे पहले भी कुछ राज्यों में इस योजना को लागू किया गया है. यह सभी राज्य गैर बीजेपी शासित राज्य है. छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान और फिर पंजाब इस बारे में फैसला ले चुके हैं. अब हिमाचल भी इस कतार में आ गया है. क्या यह योजना लागू हो चुकी है. या नहीं... इस पूरी योजना पर क्या चल रहा है. सरकारों का क्या स्टैंड है और केंद्र सरकार की क्या राय है. यह सारी बात संसद में इस मुद्दे पर उठाए गए प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर दिया गया है. सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में इससे संबंधित प्रश्न किया था और वित्तमंत्रालय की ओर से इस बारे में स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया गया है.
ओवैसी ने इस प्रकार से प्रश्न किया -
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि -
(क) क्या कई राज्यों ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस OPS) फिर से शुरू की है और यदि हां, तो तत्सबंधी ब्यौरा क्या है;
(ख) क्या कई राज्यों ने सरकार से ओपीएस शुरू करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा लौटने की मांग की है.
(ग) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है;
(घ) जिन राज्यों ने ओपीएस शुरू किया है उन्हें एनपीएस का पैसा लौटने के लिए सरकार द्वारा क्या निर्णय लिया गया या लिया जा रहा है.
(ड़) क्या सरकार का निकट भविष्य में ओपीएस वापस शुरू करने का विचार है; और... '
(च) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड) ने इन प्रश्नों के जवाब में कहा -
(क) से (च): राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने अपने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस) पुन: प्रारंभ करने के अपने निर्णय के बारे मे केंद्र सरकार/पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को सूचित किया है.
पंजाब राज्य सरकार ने दिनांक 18.11.2022 को अपने सरकारी कर्मचारियों, जिन्हें वर्तमान में राष्ट्रीय पेशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत कवर किया जा रहा है, के लिए ओपीएस का कार्यान्वयन करने के संबंध में अधिसचना जारी की है.
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने संबंधित राज्य सरकारों को एनपीएस के अधीन अभिदाताओं के संचित कॉर्पस को वापस करने के लिए केंद्र सरकार/पीएफआरडीए को प्रस्ताव भेजा है. ऐसा कोई प्रस्ताव पंजाब राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है.
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों के प्रस्तावों के प्रति उत्तर में पीएफआरडीए ने संबंधित राज्य सरकारों को यह सूचित किया है कि पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत निकासी और आहरण) विनियम, 2015 के साथ पठित पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 के अंतर्गत और समय-समय पर यथा संशोधित अन्य प्रासंगिक विनियमों, जिसके तहत निधियां जो पहले से ही एनपीएस के पक्ष में सरकारी अंशदान और कर्मचारियों के अंशदान दोनों के रूप में, उपचय ब्याज सहित जमा है उनको राज्य सरकार को 'लौटाए जाने और उसे वापस जमा कराए जाने का कोई प्रावधान नहीं है.
भारत सरकार के पास पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.