ITR फाइल करते समय आप कितनी बार Tax रिजीम में बदलाव कर सकते हैं? जानें क्या हैं नियम

Old vs New Tax Regime Calculator: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, नॉन-बिजनेस इनकम वाला व्यक्ति हर साल पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकता है.

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ITR फाइल करते समय आप कितनी बार Tax रिजीम में बदलाव कर सकते हैं? जानें क्या हैं नियम
Old to New Tax Regime Switch: टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प केवल तभी तक मिलता है जब ITR ड्यू डेट तक फाइल किया जाता है.
नई दिल्ली:

Income Tax Return 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय आ गया है, आपने भी तैयारी शुरू कर दी होगी. क्या आपने सोच लिया है कि आपके लिए  न्यू टैक्स रिजीम और  ओल्ड टैक्स रिजीम में से कौन सही रहेगा. क्योंकि अगर टैक्सपेयर्स अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल(ITR Filing 2025)  करते समय दो अलग-अलग रिजीम में से किसी एक को चुन सकते हैं. दोनों रिजीम के अलग-अलग छूट और फायदे हैं. फॉर्म भरते समय अगर आपने खुद से किसी रिजीम का विकल्प नहीं चुना तो  न्यू टैक्स रिजीम  (New Tax Regime)के तहत आपका रिटर्न फाइल होगा. दरअसल 2023-24 फाइनेंशियल ईयर से न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है.

ओल्ड टैक्स रिजीम vs न्यू टैक्स रिजीम

जब हर व्यक्ति के लिए सही टैक्स रिजीम चुनने की बात आती है तो इसका कोई एक जवाब नहीं है, रिजीम का चुनाव आपकी इनकम, इन्वेस्टमेंट और आप कितने डिडक्शन के लिए एलिजिबल हैं, ऐसी तमाम बातों पर निर्भर करता है. न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने पर सैलरीड इंडिविजुअल को हाल ही में समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर के लिए 7 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट दी जाएगी. FY 25 से न्यू टैक्स रिजीम (New tax regime) के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है.

वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम (Old tax regime) टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80C, सेक्शन 80D, हाउसिंग रेंट अलाउंस जैसी कई कटौती और छूट का दावा करने की इजाजत देती है. हालांकि इसके तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाया नहीं गया है ये अभी भी 50,000 रुपये ही है.

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ITR फाइल करते समय कितनी बार टैक्स रिजीम में बदल कर सकते हैं?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, नॉन-बिजनेस इनकम वाला व्यक्ति हर साल पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(1) के तहत रिटर्न फाइल करने की नियत तिथि (due date) से पहले ही पुरानी टैक्स रिजीम को चुना जा सकता है.

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क्या हर कोई टैक्स रिजीम स्विच कर सकता है?

बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वाले इंडिविजुअल के लिए, टैक्स रिजीम के बीच स्विच करने की सुविधा सीमित है. ये टैक्सपेयर्स हर साल रिजीम स्विच नहीं कर सकते. इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वाला कोई व्यक्ति, HUF, AOP (सहकारी समितियां नहीं), BOI या कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति हर साल दो टैक्स रिजीम के बीच चुनाव करने के लिए पात्र नहीं होगा.

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एक बार जब वो न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकल जाते हैं, तो उनके पास न्यू टैक्स रिजीम में स्विच करने का केवल एक ही मौका होता है. याद रखें कि एक बार जब वे न्यू टैक्स रिजीम में वापस स्विच करते हैं, तो फिर भविष्य में कभी भी ओल्ड टैक्स रिजीम(Switch Between Old and New Tax Regime)  का विकल्प नहीं चुन पाएंगे.

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स्विच करने की क्या कोई डेडलाइन है?

टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प केवल तभी तक मिलता है जब ITR ड्यू डेट तक फाइल किया जाता है. देर से रिटर्न (Belated return) फाइल करने वाले टैक्सपेयर न्यू टैक्स रिजीम के तहत ही रिटर्न फाइल कर पाएंगे. दरअसल ऐसे मामलों में इनकम टैक्स पोर्टल ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच करने की इजाजत नहीं देता.

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