सरकार इन लोगों को Income Tax फाइल करने में दे रही छूट, किन लोगों को ITR भरने की जरूरत नहीं? जानें नियम और शर्ते

ITR Filing 2025: सरकार की इस पहल का मकसद सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स कंप्लायंस को आसान बनाना है. आइए जानते हैं कि किन हालातों में यह छूट मिलती है, कौन सा फॉर्म भरना होता है और किन लोगों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.

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Income Tax Filing Deadline 2025: अगर आपकी उम्र 75 साल या उससे ज्यादा है, तो हो सकता है आपको रिटर्न फाइल करने से छूट मिल जाए.
नई दिल्ली:

आजकल ज्यादातर लोग अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने में जुटे हैं. क्योंकि डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइल नहीं किया तो पेनल्टी भरनी होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आपकी उम्र 75 साल या उससे ज्यादा है, तो हो सकता है आपको रिटर्न फाइल करने से छूट मिल जाए. बता दें कि यह छूट हर किसी के लिए नहीं है, इसके लिए कुछ खास शर्तों को पूरा करना जरूरी है. 

सरकार की इस पहल का मकसद सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स कंप्लायंस को आसान बनाना है. आइए जानते हैं कि किन हालातों में यह छूट मिलती है, कौन सा फॉर्म भरना होता है और किन लोगों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.

कौन ले सकता है ITR फाइलिंग से छूट? 

  • यह छूट केवल ऐसे सीनियर सिटीजन को मिलती है:
  • जिनकी उम्र असेसमेंट ईयर 2025-26 में 75 साल या उससे ज्यादा है.
  • जो भारत के निवासी हैं.
  • जिनकी इनकम का सोर्स सिर्फ पेंशन और उसी बैंक से मिलने वाला ब्याज है.

यानी अगर आपकी इनकम पेंशन के अलावा किसी अन्य सोर्स से आती है, जैसे किराया, शेयरों से प्रॉफिट, कैपिटल गेन या बिजनेस से कमाई, तो आपको यह छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा, अगर आपकी पेंशन और ब्याज दो अलग-अलग बैंकों से मिलता है या आपके एक से ज्यादा बैंक अकाउंट में ब्याज जमा हो रहा है, तो भी आपको ITR फाइल करना अनिवार्य होगा.

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ITR से छूट पाने के लिए क्या करना होगा ?

अगर आप ऊपर बताई गई सभी शर्तें पूरी करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है. बस आपको फॉर्म 12BBA भरकर उसे अपने बैंक में जमा करना होगा. यह फॉर्म बैंक को ऑथराइज करता है कि वह आपकी कुल सालाना इनकम का आकलन करे, टैक्स डिडक्शन (जैसे सेक्शन 80C, 80D आदि) और टैक्स क्रेडिट (जैसे 87A) का ध्यान रखते हुए आपका टैक्स कैलकुलेट करे और उसी हिसाब से TDS काटकर सरकार को जमा कर दे.

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बैंक आपकी कुल टैक्सेबल इनकम का आकलन करेगा. इसमें सेक्शन 80C, 80D आदि के तहत मिलने वाली छूटें, और सेक्शन 87A के तहत टैक्स क्रेडिट को भी जोड़ा जाएगा. बैंक ही टीडीएस (TDS) की प्रक्रिया पूरी करेगा. अगर बैंक ने सही ढंग से टैक्स जमा कर दिया है, तो आपको ITR भरने की जरूरत नहीं होगी.

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इन हालातों में आपको यह छूट नहीं मिलेगी?

  • अगर आपकी पेंशन और ब्याज की रकम अलग-अलग बैंकों से आती है.
  • अगर आपके पास किराया, कैपिटल गेन, बिजनेस इनकम या दूसरी कोई एडिशनल इनकम का जरिया है.
  • अगर एक से ज्यादा बैंक अकाउंट में ब्याज जमा होता है.
  • ऐसी स्थिति में आपको इस राहत का फायदा नहीं मिलेगा और सामान्य प्रक्रिया के तहत ITR भरना होगा.

सीनियर सिटीजन के लिए क्यों जरूरी है यह छूट?

बुजुर्गों के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना अक्सर एक मुश्किल भरा प्रोसेस होता है. उनके लिए ऑनलाइन सिस्टम, फॉर्म भरने के नियम, डिडक्शन और टैक्स कैलकुलेशन जैसी बातों को समझना और सही तरीके से फॉलो करना आसान नहीं होता.इसलिए यह कानून लाया गया है. 

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इस नियम को लाने के पीछे सरकार का मकसद यह है कि जिन सीनियर सिटीजन की इनकम सीमित, नियमित और स्पष्ट है, उन्हें टैक्स कंसल्टेंट पर निर्भर न रहना पड़े और उन्हें टैक्स कंप्लायंस (Tax compliance) से जुड़ी परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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