अमीर कौन नहीं बनना चाहता, 20000 रुपये महीना की सैलरी वाले भी यूं बन सकते हैं रईस

How to become rich with Salary: यदि 21-22 साल का युवा इस उम्र में सेविंग शुरू कर दे तो 45-46 साल की उम्र में वह रिटायरमेंट प्लान कर सकता है और बाकी की उम्र आराम से बिता सकता है. 

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सेलरी की बचत कर कैसे अमीर बनें... (Savings and Investment tips)
नई दिल्ली:

How to become rich with 20K Salary: हमारे समाज में अमीर कौन नहीं बनना चाहता. इसे यूं भी कहा जा सकता है कि हर आदमी जीवन में जल्द से जल्द इतना पैसा कमा लेना चाहता है कि उसकी जरूरतें पूरी होती रहें. वह यह भी चाहता है कि बचत इतनी कर ली जाए कि फिर नौकरी करने की आवश्यकता नहीं रहे. कई लोग तो यह भी मानते हैं कि बिजनेसमैन भी कुछ ऐसा ही चाहते हैं. बिजनेस के तनाव से मुक्ति के लिए वे भी यह चाहते हैं जल्द से जल्द इतना कमाकर तिजोरी में रख लिया जाए कि फिर चिक चिक से फुरसत मिल जाए. कुल मिलाकर सभी को अमीर बनना है. 

अमीर बनने के लिए क्या करें. क्या कोई फॉर्मूला है, है तो क्या है... कई लोग ऐसा देखते हैं कि उनका पड़ोसी या मित्र या फिर कोई पहचान वाला अमीर बन गया है और बड़े आराम से जिंदगी जी रहा है. यहां मारामारी का आलम... बड़ी तकलीफ और कोफ्त होती होगी...

खैर समाज में एक और धारणा है कि सैलरी वाले अमीर नहीं बन सकते है. सैलरी से केवल खर्चा ही पूरा होता है. रोज की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं. अमीर नहीं बना जा सकता है. ऐसा माना भी जाता है और आम जीवन में यह अनुभव भी होता है. बिजनेस है चलता जाता है, पैसा आता जाता है. कहा जाता है कि बिजनेसमैन ही अमीर बन सकता है या होता. लेकिन हम यहां इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते क्योंकि कुछ लोग हमेशा हवा के रुख के हिसाब से ही नहीं चलते वे जीवन में कुछ न कुछ करना चाहते हैं और पाना चाहते हैं, बनना चाहते हैं. ऐसे ही लोग समय पर अपनी प्लानिंग करते हैं. यह प्लानिंग जो समय पर कर लेता है वह समय से कुछ आगे निकल जाता है और उसकी प्लानिंग समय पर उसे सैलरी के खर्चे वाले कुचक्र से बाहर निकाल लेती है और वह पैसे कमाने की मारामारी से कुछ ऊपर उठ जाता है और पैसा उसके पीछे चलने लगता है. यह है अमीरी का रास्ता...

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सबसे जरूरी यह है कि सैलरी वाला व्यक्ति भी यदि समझदारी के साथ जीवन यापन करे तो उसे भी अमीर बनने से कोई रोक नहीं सकता. 

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How to create Wealth? Formula for Wealth creation

वेल्थ क्रिएशन का सबसे अहम फॉर्मूला है सेविंग... आप अपनी आधी सैलरी बचाएं.. अकसर हम देखते हैं कि यंग लोग देर से सेविंग, जिसे आम बोलचाल की भाषा में बचत भी कहते हैं, शुरू करते हैं. यहां जिंदगी की सबड़े बड़ी गलती होती है. यह गलती उसे पूरे जीवनभर उस कुचक्र में फंसाए रखती है जिसे कहते हैं सैलरी से खर्चे चलते हैं.  

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सेविंग्स के मास्टर कहते हैं कि यदि 21-22 साल का युवा यह समझ जाए तो वह कमाल कर सकता है. इस 21-22 की उम्र में सेविंग शुरू कर दे तो 25 साल बाद रिटायर भी हो सकता है. यानि 45-46 साल की जवां उम्र में वह रिटायरमेंट प्लान कर सकता है और बाकी की उम्र आराम से बिता सकता है. 

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What is Rule of Money?

आखिर यंग लोगों को क्या करना चाहिए... यह सबसे बड़ा सवाल है... ऐसा क्या किया जाए जिससे यह संभव हो सकता है. तो आइए समझते हैं. यदि एक युवा की सैलरी 20 हजार रुपये महीना है उस स्थिति में वेल्थ क्रिएटर्स यह बताते हैं कि इसके लिए जरूरी है युवा 50-30-20 रूल ऑफ मनी को फॉलो करे. इसका तात्पर्य सिर्फ इतना है. 

एक व्यक्ति को अपनी आम जरूरतों के लिए यानि बेसिक नीड पर अपनी सैलरी का 50 फीसदी खर्च करने की लिमिट तय करनी होगी. हर हाल में उसे इस लिमिट या दायरे के भीतर ही अपनी जरूरतों को निपटाना है. इन जरूरतों में हम रेंट, ईएमआई, रोटी कपड़ा मकान, बिजली बिल, इंटरनेट, फोन आदि. को रख सकते हैं. इसमें उसे ध्यान रखना है कि लग्जरी से कुछ बच के रहे. इससे साफ है कि यदि उसकी सैलरी 20 हजार रुपये है तब वह 10 हजार रुपये में अपना यह मद पूरी तरह निपटा ले. साल के हिसाब से यह रकम कम नहीं है. यह 1,20,000 रुपये सालाना होता है.

दूसरा मद जिसे सैलरी का 30 प्रतिशत. वर्तमान स्थिति में जब एक युवा की सैलरी 20 हजार रुपये ही है उस स्थिति में यह 6 हजार रुपये हुआ. साल का 72 हजार रुपये. आप सोच के देखिए यह भी कम रकम नहीं होती. लेकिन प्लानिंग के अभाव में लोग गलती पर गलती करते चले जाते हैं.  दूसरे मद का प्रयोग कर युवा अपनी इच्छाएं जिसे वांट्स कहें या फिर विशेज कहें... यह पूरी कर सकता है. इससे वह कार की ईएमआई, महंगा फोन, महंगा म्यूजिक सिस्टम, महंगे कपड़े या फिर अन्य कुछ महंगा आइटम खरीद सकते हैं. खास बात जो ध्यान रखनी है वह है सालाना 72 हजार से ज्यादा की शॉपिंग इस मद में न की जाए. फॉर्मूला को फॉलो करें यह ध्यान रखें. गणित का नियम है गलत नहीं होगा.

इसके बाद जो मद है वह वाकई में सबसे अहम है कि आपकी पूरी जिंदगी की रफ्तार यह तय करता है. यहां सावधानी बरतने की जरूरत है. संभव हो तो किसी अच्छे प्लानर से इस पर सलाह लेनी चाहिए. इस मद पर 20 हजार की सैलरी वाले युवा को 20 प्रतिशत तक खर्च करना चाहिए. स्पष्ट है कि यह रकम करीब 4000  रुपये महीना हुई. यानि एक युवा अगर 4000 रुपये महीने यानि 48000 रुपये सालाना, की बचत आरंभ करता है और फिर करियर के बढ़ने के साथ इसमें में बढ़ोतरी करता जाता है तो वह समय से पहले रिटायरमेंट लेकर आराम की जिंदगी बिता सकता है. बचत कहां इनवेस्ट करना है. जानकारों की राय में स्टॉक्स, सेविंग फंड, एफडी, म्यूचुअल फंड आदि बेहतर विकल्प हैं जहां पर लंबे समय पर निवेश शानदार रिटर्न देते हैं. इसके लिए यह समझ जाइए कि पावर ऑफ कंपाउंडिंग पैसा आपका कहां से कहां पहंचा देगा. आज के लिए इतना ही. पावर ऑफ कंपाउंडिंग पर आगे चर्चा होगी और आपको हम यह भी बताएंगे कि 30, 35, 40 की उम्र वाले लोगों को कैसे प्लानिंग करनी चाहिए.

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