तेजी से 'रईस' हो रहे भारतीय, 14.5 फीसदी बढ़ गई संपत्ति! जानिए अमेरिका, चीन और यूरोप का भी हाल

57 देशों को कवर करने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दो दशकों में भारत की वास्तविक प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति 5 गुना बढ़ी है, जो किसी भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

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देश में पिछले कुछ वर्षों से हो रहे आर्थिक सुधारों का असर भारतीयों की संपत्ति पर दिख रहा है. मिडिल क्‍लास का एक बड़ा हिस्‍सा अब पहले की अपेक्षा अमीर हुआ है. एलियांज ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत में लोग तेजी से रईस हो रहे हैं. भारतीय परिवारों की वेल्‍थ साल 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. रिपोर्ट के अनुसार, बीते 8 साल में सबसे तेज ग्रोथ दर्ज की गई है.  

एलियांज ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025 में बताया गया कि 2024 में भारतीय परिवारों की वेल्थ 14.5 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो देश में तेजी से बढ़ती मध्यम वर्ग की क्षमता को दिखाता है. भारत की प्रति व्यक्ति नेट फाइनेंशियल एसेट्स 15.6 फीसदी बढ़कर 2,818 डॉलर पर पहुंच गई है. वहीं, देनदारी की ग्रोथ रेट 12.1 फीसदी रही. परिवारों पर कर्ज, जीडीपी का 41 फीसदी रहा.

अमेरिका, चीन और अन्‍य देशों का क्‍या है हाल?

2024 में अमेरिका ने ग्लोबल फाइनेंशियल एसेट्स ग्रोथ का आधा हिस्सा हासिल किया. पिछले दशक में अमेरिकी परिवारों ने दुनिया भर में 47 फीसदी संपत्ति वृद्धि उत्पन्न की है, जबकि चीन में यह 20 फीसदी और पश्चिमी यूरोप में 12 फीसदी है.

2 दशक में 5 गुना बढ़ गई भारतीयों की संपत्ति 

57 देशों को कवर करने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दो दशकों में भारत की वास्तविक प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति (Net Financial Assets Per Capita) 5 गुना बढ़ी है, जो किसी भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले सबसे अच्छा प्रदर्शन है. पिछले साल सिक्‍योरिटीज में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जो 28.7 फीसदी थी, जबकि बीमा और पेंशन में 19.7 फीसदी की ग्रोथ देखी गई है. बैंक डिपॉजिट में 8.7 फीसदी की ग्रोथ हुई है. भारतीय परिवारों के पोर्टफोलिया का 54 फीसदी हिस्सा बैंक डिपॉजिट से आता है. ऐसे में इसमें ग्रोथ होना, बढ़ती बचत को दिखाता है.

लोगों की खरीदारी की क्षमता भी बढ़ी 

रिपोर्ट में कहा गया, 'वास्तविक रूप से महंगाई के बाद फाइनेंशियल एसेट्स में 9.4 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिससे परचेजिंग पावर यानी खरीदारी करने की क्षमता महामारी-पूर्व स्तर से 40 फीसदी ऊपर पहुंच गई है. यह पश्चिमी यूरोप से बिल्कुल अलग है, जहां क्रय शक्ति 2019 से 2.4 फीसदी कम बनी हुई है. 2024 में प्रति भारतीय नेट फाइनेंशियल एसेट्स 2,818 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति थीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15.6 फीसदी अधिक है.

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