Blogs | प्रियदर्शन |बुधवार जुलाई 6, 2016 04:02 PM IST नैतिक तौर पर हमें सौमित की मृत्यु पर शोक करने का अधिकार नहीं है- लेकिन यह समझने की ज़रूरत है कि इस मृत्यु में हम सबकी धीमी मृत्यु भी प्रतिबिंबित है- देर-सबेर फिर किसी की बारी आएगी और फिर कोई एक बेमानी सी श्रद्धांजलि लिखेगा।