'महिलाओं के प्रवेश पर रोक'

- 25 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Edited by: चंदन वत्स |गुरुवार नवम्बर 24, 2022 07:27 PM IST
    बुखारी ने कहा, "ऐसी कोई भी जगह, चाहे मस्जिद हो, मंदिर हो या गुरद्वारा हो, ये इबादत की जगह हैं. इस काम के लिए आने पर कोई पाबंदी नहीं है. आज ही 20-25 लड़कियां आईं और उन्हें दाखिले की इजाजत दी गयी."
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शुक्रवार मार्च 4, 2022 05:20 AM IST
    मध्यप्रदेश के खरगोन से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई जिसमें युवती "पूजा" सहित आधा दर्जन दलित महिलाओं को ही "पूजा करने से" गांव के दबंगों ने रोक दिया. इसका वीडियो साथी युवती ने बना लिया जिसमें पुजारी एवं कुछ महिलाओं द्वारा दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने एवं विरोध करने का खुलासा हो रहा है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसके बाद दलित संगठन सड़क पर उतर आया. मामला बिगड़ते देख खुद मेनगांव थाना पुलिस टेमला गांव पहुंची और पीड़ित युवतियों की शिकायत पर मंदिर के पुजारी व दो महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार जनवरी 17, 2020 07:46 PM IST
    सबरीमला मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक और धर्म का अभिन्न हिस्सा बताने वाली धार्मिक प्रथाओं के संवैधानिक पहलू को लेकर दाखिल याचिकाओं के सभी पक्षों के वकीलों की आज सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेट्री जनरल के साथ मीटिंग हुई. मीटिंग में तय हुआ कि 10-10 दिन सभी पक्षों को बहस करने के लिए मिलेंगे. यानी याचिका के समर्थन करने वालों को 10 दिन और विरोध करने वालों को 10 दिनों का वक्त मिलेगा. दो दिन जॉइंडर बहस के लिए तय किए गए हैं.
  • India | Reported by: आशीष कुमार भार्गव |सोमवार दिसम्बर 10, 2018 01:53 PM IST
    याचिका में छात्राओं ने हाई कोर्ट में कहा है कि वे 27 नवंबर को दरगाह गई थीं, तब उन्हें दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने इसके बाद दिल्ली पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट से दरगाह में प्रवेश के लिए आग्रह किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अपनी याचिका में कानून की छात्राओं ने हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि वो केंद्र, दिल्ली सरकार, पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश दे कि दरगाह में महिलाओ को अंदर जाने से कोई रोक नहीं सकता और महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है.
  • India | भाषा |गुरुवार अक्टूबर 11, 2018 08:11 AM IST
    केरल उच्च न्यायालय में एक हिंदूवादी संगठन ने बुधवार को जनहित याचिका दायर कर अनुरोध किया की कि वह केंद्र को महिलाओं को नमाज के लिए मस्जिदों में प्रवेश पाने के वास्ते आदेश जारी करने का निर्देश दे. याचिकाकर्ता ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति संबंधी उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले के संदर्भ में समय की मांग है कि मुस्लिम महिला श्रद्धालुओं को भी नमाज के लिए पुरुषों के साथ मस्जिदों में प्रवेश मिले.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:05 PM IST
    केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:07 PM IST
    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी. 
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 11:34 AM IST
    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 01:53 PM IST
    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये.  फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 28, 2018 07:34 AM IST
    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाना है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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