Blogs | धर्मेंद्र सिंह |सोमवार सितम्बर 19, 2016 07:47 PM IST मच्छरों की इस सांगठनिक एकता से काफी कुछ सीखा जा सकता है. नाली के मच्छर, गटर के मच्छर, तालाब के मच्छर, गंदे पानी के मच्छर, स्वच्छ जल के मच्छर. सब एक हो गए हैं. एक उद्देश्य के साथ. न कोई आपसी वर्ग-भेद, न कोई जातीय तनाव. न क्षेत्रीय वैमनस्य न प्रजातीय विभेद.