India | Written by: राजीव मिश्र |सोमवार दिसम्बर 26, 2016 01:28 PM IST पिछले कुछ दशकों से भारत सरकार कर्ज लेकर अपना खर्चा पूरा कर रही हैं. हर साल सरकार सरकार तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से कर्ज लेती हैं. सरकारों की मंशा होती है कि कर्ज कम किया जाए. लेकिन पिछले पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि हर साल प्रति व्यक्ति ऋण बढ़ता ही गया है. यानि सरकारों ने लगातार ऋण बढ़ा ही लिया है.