Mumbai | Reported by: Sunil Kumar Singh |बुधवार अप्रैल 6, 2016 11:07 PM IST धमाकों के दोषी को एक झटके में मौत देना पीड़ितों के प्रति नाइंसाफी होगी, उसे ताउम्र कैद में रख बम धमाकों के पीड़ितों के दर्द का एहसास दिलाना ही सही न्याय होगा। ये बात किसी और ने नहीं मुंबई 2002-2003 बम धमाकों की सुनवाई कर रहे पोटा जज पी आर देशमुख ने कही।