Blogs | सुधीर जैन |शुक्रवार जनवरी 27, 2017 04:11 PM IST चीनी उत्पादन के आंकड़ों के बहाने एक बात तो साफ हो गई कि हर क्षेत्र में सुचारु व्यवस्था के लिए आंकड़ों को जमा करने के अलावा कोई और विकल्प है ही नहीं, इसीलिए हमें यह जान लेना चाहिए कि इन दिनों सांख्यिकीय तथ्यों का मज़ाक उड़ाकर जो सिर्फ शाब्दिक वक्तव्यों का ज़ोर बढ़ रहा है, उस पर भी गौर करने का वक्त आ गया है.