'Reservation for economically weak'

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  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जनवरी 9, 2019 07:18 AM IST
    लोकसभा चुनाव 2019 से पहले मोदी सरकार (Modi Govt) ने बड़ा दांव खेलकर विपक्ष के चुनावी हमलों को एक तरह से कमजोर कर दिया है. मोदी सरकार ने अपने मास्टरस्ट्रोक के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों (quota Bill for economically weak in general category) को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया और उसे पारित भी करा लिया. बिल के समर्थन में जहां 323 वोट पड़े वहीं, विरोध में महज 3 वोट. हालांकि, राज्यसभा में आज यानी बुधवार को इस बिल को पेश किया जाएगा. राज्यसभा में इस बिल को लेकर सरकार की अग्निपरीक्षा होगी. हालांकि, लोकसभा में जिस तरह से विपक्षी पार्टियों ने अपने तेवर दिखाए, उससे नहीं लगता कि सरकार को यहां से पास कराने में खासा परेशानी होगी, मगर कांग्रेस की जेपीसी की मांग इस बिल को लटका सकती है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जनवरी 9, 2019 12:05 AM IST
    नौकरियों और शिक्षा में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को 10 फीसदी आरक्षण (Quota For Economically Weak) का प्रावधान करने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा से पास हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विधेयक के पास होने पर इसे देश के इतिहास में 'ऐतिहासिक क्षण' करार दिया. लोकसभा में यह विधेयक पारित होने के बाद किए गए ट्वीट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसने एक ऐसे प्रभावी उपाय को हासिल करने की प्रक्रिया को गति दी है, जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित होगा. पीएम मोदी ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना हमारा प्रयास है कि हर गरीब व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय का हो, गरिमापूर्ण जीवन जिये और उसे हर संभव मौके मिलें.'
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जनवरी 8, 2019 11:22 PM IST
    लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार (Modi Govt) ने आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों (Quota For Economically Weak) को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. इसके लिए सरकार ने आज लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया और उसे पारित भी करवा लिया. बिल के समर्थन में 323 वोट और विरोध में महज 3 वोट पड़े. राज्यसभा में बुधवार को इस बिल को पेश किया जाएगा. इस विधेयक को लेकर मंगलवार को करीब 5 घंटे तक चली बहस में लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया. 
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जनवरी 8, 2019 05:26 PM IST
    जनरल कैटेगरी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान का 124वां संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने यह विधेयक पेश किया. एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी प्रदान की थी. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दी थी.  सूत्रों के अनुसार, यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है.  समझा जाता है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है. आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी. मोदी सरकार के इस फैसले का ज्यादातर विपक्षी दलों ने स्वागत किया है, हालांकि कुछ दलों ने सरकार की मंशा पर सवाल भी खड़े किये हैं और इसे महज चुनावी स्टंट बताया है. आइये आपको बताते हैं कि आर्थिक आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर विभिन्न राजनैतिक दलों की क्या राय है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जनवरी 8, 2019 04:17 PM IST
    लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले मोदी सरकार (Modi Govt) ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है. मोदी सरकार ने आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णो (Quota For Economically Weak) को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. गरीब सवर्णों के लिए 10 फ़ीसदी का यह आरक्षण 50 फ़ीसदी की सीमा से अलग होगा. मोदी सरकार के इस फैसले का बसपा प्रमुख मायावती (Mayawti) ने स्वागत करते हुए इसे चुनावी स्टंट बताया है.
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