'Sumitranandan'

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  • Literature | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार मई 20, 2019 02:33 PM IST
    सुमित्रानंदन पंत की आज जयंती (Sumitranandan Pant Jayant) है. हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant) का जन्म 20 मई, 1900 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी गांव में हुआ था. उनका नाम गुसाईं दत्त था. वह गंगादत्त पंत की आठवीं संतान थे. उन्होंने अपना नाम बदलकर सुमित्रानंदन पंत रख लिया था. झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने. निसर्ग के उपादानों का प्रतीक व बिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता रही. उनका व्यक्तित्व भी आकर्षण का केंद्र बिंदु था. 
  • Literature | Written by: अनिता शर्मा |शनिवार मई 20, 2017 09:09 AM IST
    सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा ज़िले के कौसानी गांव में हुआ. कहते हैं कि जन्म-भूमि के नैसर्गिक सौन्दर्य ने उनके भीतर के कवि को बाहर लाने का काम किया.
  • Literature | Edited by: अनिता शर्मा |शुक्रवार मई 19, 2017 06:11 PM IST
    बचपन में उन्हें सब 'गुसाईं दत्त' के नाम से जानते थे. माता के निधन के बाद वह अपनी दादी के पास रहते थे.
  • Literature | Written by: अनिता शर्मा |बुधवार दिसम्बर 28, 2016 01:20 PM IST
    वो छायावाद का कवि था, विचारों का बंधन उसे कभी स्‍वीकार्य न था, प्रकृति से असीम लगाव रखने वाला वह कोई और नहीं सुमित्रानंदन पंत. छायावाद के प्रमुख स्तम्भ सुमित्रानंदन पंत का 28 दिसंबर के दिन निधन हो गया था.
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