India | Reported by: हृदयेश जोशी, Edited by: संदीप कुमार |शनिवार अप्रैल 22, 2017 05:28 PM IST बबली का बाजा हो या जीत का तबला... फूली रोटी का किस्सा हो या छुपन-छपाई का खेल... ऐसी कहानियां सब बच्चों को प्यारी होती हैं, लेकिन कुछ बच्चे इन कहानियों का मज़ा वैसे नहीं ले पाते जैसे सामान्य बच्चे उठाते हैं, क्योंकि या तो इनमें कुछ बच्चे देख नहीं पाते या सुन नहीं सकते या कुछ ऑर्टिज़म जैसी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं.