Zara Hatke | Translated by: शहादत |रविवार मार्च 8, 2020 07:45 AM IST बच्चे को गोद लेने के अपने अनुभव के बारे में बताते हुए तिवारी कहते हैं, 'मुझे डेढ़ साल के संघर्ष के बाद 1 जनवरी, 2016 को अवनीश की कानूनी हिरासत मिली. तब से हमारी यात्रा बहुत साहसी रही है. वह भगवान के सबसे अच्छे उपहारों में से एक है और मैं खुद को धन्य महसूस करता हूं.'