Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अक्टूबर 25, 2016 11:50 PM IST जब से किसी ने बताया है कि पूरे भारत में सिर्फ 57 लोग ऐसे हुए हैं, जिन पर सरकारी बैंकों के 85,000 करोड़ उधार हैं, तब से मैं ख़ुद को कोस रहा हूं. ये तो वो लोग हैं, जिन्होंने 500 करोड़ से कम का लोन लेना अपनी शान के ख़िलाफ़ माना. मतलब कि अगर बैंक का लोन लेकर चंपत ही होना है तो 500 करोड़ से कम लेकर क्या भागें.