Assembly polls 2017 | Written by: राजीव मिश्र |शुक्रवार जनवरी 27, 2017 11:53 AM IST चुनावों में काम से ज्यादा गणित यानि जाति और धर्म के समीकरण और टेबल पर जीत की रणनीति, पोस्टर में नारे, नेताओं की सभाएं, कहां और कितनी. यही नहीं किस अंदाज में नेता बोलेगा. क्या बोलेगा, क्या पहनेगा किस रंग का पहनेगा. यह सब आजकल चुनावी रणनीतिकार तय कर रहे हैं. बड़े-बड़े नेताओं की जीत की जीत के लिए एक पूरी टीम कई पहलुओं पर विचार करती है. कहते हैं कि नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री निवास से 7 आरसीआर की दूरी तय करने में ऐसे ही रणनीतिकारों ने मदद की है. यह रणनीतिकार यह भी तय करते हैं कि नेता की सोशल साइट्स पर प्रोफाइल हो. उस प्रोफाइल पर क्या जाएगा यह भी यही एक्सपर्ट्स तय करते हैं. जरूरत पड़ी तो यह लोग फॉलोवर से लेकर लाइक्स तक खरीद कर सोशल साइट्स के जरिए भ्रम पैदा करते हैं या फिर कहें कि पार्टी के प्रति रूख मोड़ने का काम करते हैं.