सुई धागा फिल्म में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा
नई दिल्ली:
फिल्म 'सुई धागा' की कहानी मौजी नाम के एक युवा और उसकी पत्नी ममता की है. मौजी के दादा सिलाई कढ़ाई का काम करते थे मगर बिगड़े हालत की वजह से वो काम बंद हो गया और मौजी के पिता हों या खुद मौजी, घर चलाने के लिए नौकरी करते हैं. नौकरी में बेइज्जती देख मौजी की पत्नी कुछ अपना करने को कहती है और मौजी सिलाई मशीन लेकर निकल पड़ता है पुराने पेशे को फिर से खड़ा करने के लिए और उसके साथ खड़ी है उसकी पत्नी ममता. हर फिल्म की तरह इस फिल्म में भी अंत में हीरो की जीत होती है मगर कैसे होती है ये देखने के लिए आप देखिये फिल्म. इस फिल्म में मौजी के रोल में हैं वरुण धवन और ममता बनी हैं अनुष्का शर्मा.
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फिल्म सुई धागा लोवर मिडिल क्लास के परिवार की कहानी, उनके रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में परेशानियां और पैसे कमाने की जद्दोजेहद को दर्शा रही है. लेखक और निर्देशक शरत कटारिया ने इन सब पहलुओं को अच्छे से दर्शाया है. कई दृश्य दिल को छूते हैं तो कई दृश्य खूब हंसाते हैं. परिवार की नोकझोंक परदे पर अच्छी लगती है. कुछ किरदार भी इस फिल्म में कहानी के साथ अच्छे से जुड़ते हैं. मौजी यानी वरुण के कुछ पंचेस अच्छे हैं. वरुण धवन और अनुष्का शर्मा ने अपनी इमेज के विरूद्ध किरदार निभाया है और इन दोनों सितारों ने इस भूमिका को निभाने की अच्छी कोशिश की है.
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वरुण धवन फिल्म में कहते रहते हैं कि सब बढ़िया है मगर फिल्म में सबकुछ बढ़िया नहीं है. फिल्म की पटकथा में रफ्तार तो है मगर कहानी थोड़ी कमज़ोर पड़ गई. इस फिल्म को मेड इन इंडिया के नाम पर खूब प्रोमोट किया गया मगर फिल्म मेड इन इंडिया को सिर्फ छूती है यानी कहानी मेड इन इंडिया के विषय के साथ पूरी तरह इन्साफ नहीं करती और फिल्म एक किरदार को अपने दम पर कुछ हासिल करने की बन गई जिसमे उसकी पत्नी उसका प्रोत्साहन करती है और उसका साथ दे रही है और वो किरदार अंत में एक फैशन शो प्रतियोगिता जीत जाता है. वो अलग बात है कि वो उसी सिलाई कढ़ाई के पेशे को चुनता है जो उसका खानदानी पेशा है.
वरुण धवन और अनुष्का शर्मा को आपने हमेशा तड़कते भड़कते किरदारों में देखा है. इस बार बदले हुवे अंदाज़ में भी वो ठीक लग रहे हैं. साथ ही फिल्म एक बात और कह रही है और वो ये कि पत्नी का सही साथ मिले तो इंसान आस्मां छू सकता है. फिल्म सुई धागा के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार.
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