नई दिल्ली:
रेटिंगः 2.5 स्टार
डायरेक्टरः राखी शांडिल्य
कलाकारः कल्कि कोचलिन और सुमित व्यास
महानगरीय जिंदगी की भाग-दौड़ और परेशानियां, करियर से जुड़े कई तरह के उतार-चढ़ाव और इस सबके बीच पेरेंटहुड. एक महानगरीय कपल की जिंदगी की यह सब ऐसी चीजें जो कहीं भी आसानी से देखी जा सकती हैं. इन्हीं बातों को कहानी और फिल्म के जरिये पिरोने की कोशिश की है डायरेक्टर राखी शांडिल्य ने Ribbon में. Ribbon उनकी डेब्यू फिल्म है और उन्होंने एक रेलिवेंट इश्यू को इसमें दिखाने की कोशिश भी की है जो असल जिंदगी के करीब है. इस तरह राखी ने अपनी पहली ही फिल्म के जरिये एक अच्छी कोशिश को अंजाम दिया है.
यह भी पढ़ें: जिंदगी का फलसफा कहता फिल्म 'Ribbon' का गाना 'चरखा घूम रहा है...'
कहानी सुमित व्यास और उनकी बीवी कल्कि कोचलिन की है. कल्कि मां बनने वाली है और इस खबर को सुनकर ही वह परेशान हो जाती है. दोनों ही करियर ओरियंटेड हैं, लेकिन सुमित कल्कि को समझाते हैं और वह मान भी जाती हैं. इसके बाद उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को डायरेक्टर ने पर्दे पर उतारने की कोशिश की है. किस तरह वह हालात और बदली हुई परिस्थितियों का सामना करते हैं. यह कहानी किसी भी शहरी मध्यमवर्गीय युवा जोड़े की हो सकती है. इस तरह कहानी अपने आसपास की लगती है. कहानी का पेस थोड़ा स्लो है. हो सकता है डायरेक्टर ने ये सब पात्रों और माहौल को ठीक ढंग से स्थापित करने के लिए किया हो. हालांकि यही बात खटकती है कि इश्यू तो बेहतरीन उठाए गए हैं लेकिन उन्हें किसी मुकाम तक नहीं पहुंचाया गया है. फिर भी बात पते की कही गई है.
यह भी पढ़ें: नहीं पता बॉलीवुड में फिट बैठती हूं कि नहीं : कल्कि कोचलिन
एक्टिंग की बात करें तो कल्कि और सुमित दोनों ने ही ठीक-ठाक काम किया है. कल्कि कोचलिन तो वैसे भी इस तरह के संजीदा रोल करने के में महारत रखती हैं. उन्होंने अर्बन कैरेक्टर को अच्छे ढंग से परदे पर उतारा है. सुमित व्यास ने भी अपने किरदार को परदे पर मजबूती से लाने की कोशिश की है. इस तरह आज की जिंदगी और महानगरीय जीवन की झलक पाने के लिए यह एक अच्छी फिल्म हो सकती है जिसे देखकर लगेगा कि यह वाकई हमारे आसपास की कहानी है.
VIDEO: शादी में जरूर आना फिल्म के स्टारकास्ट से विशेष बातचीत
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
डायरेक्टरः राखी शांडिल्य
कलाकारः कल्कि कोचलिन और सुमित व्यास
महानगरीय जिंदगी की भाग-दौड़ और परेशानियां, करियर से जुड़े कई तरह के उतार-चढ़ाव और इस सबके बीच पेरेंटहुड. एक महानगरीय कपल की जिंदगी की यह सब ऐसी चीजें जो कहीं भी आसानी से देखी जा सकती हैं. इन्हीं बातों को कहानी और फिल्म के जरिये पिरोने की कोशिश की है डायरेक्टर राखी शांडिल्य ने Ribbon में. Ribbon उनकी डेब्यू फिल्म है और उन्होंने एक रेलिवेंट इश्यू को इसमें दिखाने की कोशिश भी की है जो असल जिंदगी के करीब है. इस तरह राखी ने अपनी पहली ही फिल्म के जरिये एक अच्छी कोशिश को अंजाम दिया है.
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कहानी सुमित व्यास और उनकी बीवी कल्कि कोचलिन की है. कल्कि मां बनने वाली है और इस खबर को सुनकर ही वह परेशान हो जाती है. दोनों ही करियर ओरियंटेड हैं, लेकिन सुमित कल्कि को समझाते हैं और वह मान भी जाती हैं. इसके बाद उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को डायरेक्टर ने पर्दे पर उतारने की कोशिश की है. किस तरह वह हालात और बदली हुई परिस्थितियों का सामना करते हैं. यह कहानी किसी भी शहरी मध्यमवर्गीय युवा जोड़े की हो सकती है. इस तरह कहानी अपने आसपास की लगती है. कहानी का पेस थोड़ा स्लो है. हो सकता है डायरेक्टर ने ये सब पात्रों और माहौल को ठीक ढंग से स्थापित करने के लिए किया हो. हालांकि यही बात खटकती है कि इश्यू तो बेहतरीन उठाए गए हैं लेकिन उन्हें किसी मुकाम तक नहीं पहुंचाया गया है. फिर भी बात पते की कही गई है.
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एक्टिंग की बात करें तो कल्कि और सुमित दोनों ने ही ठीक-ठाक काम किया है. कल्कि कोचलिन तो वैसे भी इस तरह के संजीदा रोल करने के में महारत रखती हैं. उन्होंने अर्बन कैरेक्टर को अच्छे ढंग से परदे पर उतारा है. सुमित व्यास ने भी अपने किरदार को परदे पर मजबूती से लाने की कोशिश की है. इस तरह आज की जिंदगी और महानगरीय जीवन की झलक पाने के लिए यह एक अच्छी फिल्म हो सकती है जिसे देखकर लगेगा कि यह वाकई हमारे आसपास की कहानी है.
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