मुंबई:
निर्देशक : आर एस प्रसन्ना
स्टार कास्ट: आयुष्मान खुराना, भूमि पेडणेकर, सीमा पाहवा, ब्रजेंद्र काले, चितरंजन त्रिपाठी और नीरज सूद.
रेटिंग : 3.5 स्टार
फिल्म 'शुभ मंगल सावधान' कहानी है मुदित( आयुष्मान) और सुगन्धा (भूमि पेडणेकर) के प्रेम की और ये दोनों शादी भी करना चाहते हैं. यहां तक तो सब ठीक है लेकिन फिर इन दोनों के शादीशुदा जीवन की शुरुआत से पहले आड़े आती है एक चिंता कि कहीं आयुष्मान शादी में अपने कर्तव्य पूरी तरह निभा पायेगे या नहीं. इसी सवाल के बीच घटता है बहुत कुछ जिसे जानने के लिए आप को फिल्म देखनी पड़ेगी. यह फिल्म 2013 की तमिल फिल्म ‘कल्याण समायल साधम’ की रीमेक है और तमिल की इस फिल्म को निर्देशक आर एस प्रसन्ना ने निर्देशित किया था जो इस फिल्म के भी निर्देशक हैं.
यह भी पढ़ें: डेरे में रहकर ही राम रहीम के खिलाफ भक्तों को भड़काता था 'बिग बॉस' का यह कंटेस्टेंट
खामियां
इस फिल्म की खामी हैं चंद सीक्वेंस, जिनमें से एक है शादी से पहले दोनों किरदारों के परिवार का कमरे के बाहर इंतजार करना, जो मुझे लगा समाज के जिस वर्ग की हम बात कर रहें है वहां ऐसा होना थोड़ा पचता नहीं है. वो भी तब, जब फिल्म का ट्रीटमेंट वास्तविकता के इतना करीब रखा गया हो. दूसरी बात फिल्म का क्लाइमैक्स मुझे कमजोर लगा, यहां एक बात तो ये की फिल्म की कहानी जिस मुद्दे पर आधारित है और जो मुद्दा आपको अंत तक ले जाता है उसे आपने हल्के में निपटा दिया. यानी समस्या के समाधान को उतना महत्व नहीं दिया गया और यहां फिल्म वास्तविकता की लकीर लांघ कर थोड़ी फिल्मी भी ही गयी.
यह भी पढ़ें: ''कंगना रनोट ने रोकर बितायीं रातें अब ऋतिक रोशन से चाहिए पब्लिकली माफी
खूबियां
फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसका विषय जिस पर अभी तक लेखक हाथ लगाने से डरते और लजाते रहे हैं, और अगर लगा भी लेते तो नतीजा कैसा होता ये तय नहीं होता. यहां मैं तारीफ करूंगा लेखक हितेश केवल्या की जिन्होंने ऐसे विषय पर भी बात करते हुए फिल्म को अश्लील हुए बिना बड़े सहज तरीके से लोगों तक पहुंचाया है. इस सीरियस विषय को भी कॉमडी के जरिए पहुंचाया है, यानी मनोरंजन भी और संदेश भी. वहीं निर्देशक प्रसन्ना भी तारीफ के काबिल हैं जिन्होंने इस फिल्म का निर्देशन किया. यह भी पढ़ें: 'करीना कपूर और रोते तैमूर की वायरल हो रही फोटो देखी आपने...?
अभिनय की बात करें तो आयुष्मान और भूमि ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है और इन दोनों का बेहतरीन साथ दिया है सीमा पाहवा, ब्रजेंद्र काले, चितरंजन त्रिपाठी और नीरज सूद ने. फिल्म का संगीत अच्छा भी है और ज़ुबान पर भी टिकता है. यानी तनिष्क-वायु के संगीत और लिरिक्स को हमारी तरफ से थंप्स अप. ये फिल्म हंसाते-हंसाते कब अंत तक आ पहुंचती है पता नहीं चलता, जिसकी वजह है इसका कसा हुआ स्क्रीन्प्ले और धारदार लिखायी. मेरी और से इस फिल्म को 3.5 स्टार.
VIDEO: NDTV यूथ फॉर चेन्ज : छोटे शहर की बड़ी कहानी...
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
स्टार कास्ट: आयुष्मान खुराना, भूमि पेडणेकर, सीमा पाहवा, ब्रजेंद्र काले, चितरंजन त्रिपाठी और नीरज सूद.
रेटिंग : 3.5 स्टार
फिल्म 'शुभ मंगल सावधान' कहानी है मुदित( आयुष्मान) और सुगन्धा (भूमि पेडणेकर) के प्रेम की और ये दोनों शादी भी करना चाहते हैं. यहां तक तो सब ठीक है लेकिन फिर इन दोनों के शादीशुदा जीवन की शुरुआत से पहले आड़े आती है एक चिंता कि कहीं आयुष्मान शादी में अपने कर्तव्य पूरी तरह निभा पायेगे या नहीं. इसी सवाल के बीच घटता है बहुत कुछ जिसे जानने के लिए आप को फिल्म देखनी पड़ेगी. यह फिल्म 2013 की तमिल फिल्म ‘कल्याण समायल साधम’ की रीमेक है और तमिल की इस फिल्म को निर्देशक आर एस प्रसन्ना ने निर्देशित किया था जो इस फिल्म के भी निर्देशक हैं.
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खामियां
इस फिल्म की खामी हैं चंद सीक्वेंस, जिनमें से एक है शादी से पहले दोनों किरदारों के परिवार का कमरे के बाहर इंतजार करना, जो मुझे लगा समाज के जिस वर्ग की हम बात कर रहें है वहां ऐसा होना थोड़ा पचता नहीं है. वो भी तब, जब फिल्म का ट्रीटमेंट वास्तविकता के इतना करीब रखा गया हो. दूसरी बात फिल्म का क्लाइमैक्स मुझे कमजोर लगा, यहां एक बात तो ये की फिल्म की कहानी जिस मुद्दे पर आधारित है और जो मुद्दा आपको अंत तक ले जाता है उसे आपने हल्के में निपटा दिया. यानी समस्या के समाधान को उतना महत्व नहीं दिया गया और यहां फिल्म वास्तविकता की लकीर लांघ कर थोड़ी फिल्मी भी ही गयी.
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खूबियां
फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसका विषय जिस पर अभी तक लेखक हाथ लगाने से डरते और लजाते रहे हैं, और अगर लगा भी लेते तो नतीजा कैसा होता ये तय नहीं होता. यहां मैं तारीफ करूंगा लेखक हितेश केवल्या की जिन्होंने ऐसे विषय पर भी बात करते हुए फिल्म को अश्लील हुए बिना बड़े सहज तरीके से लोगों तक पहुंचाया है. इस सीरियस विषय को भी कॉमडी के जरिए पहुंचाया है, यानी मनोरंजन भी और संदेश भी. वहीं निर्देशक प्रसन्ना भी तारीफ के काबिल हैं जिन्होंने इस फिल्म का निर्देशन किया.
अभिनय की बात करें तो आयुष्मान और भूमि ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है और इन दोनों का बेहतरीन साथ दिया है सीमा पाहवा, ब्रजेंद्र काले, चितरंजन त्रिपाठी और नीरज सूद ने. फिल्म का संगीत अच्छा भी है और ज़ुबान पर भी टिकता है. यानी तनिष्क-वायु के संगीत और लिरिक्स को हमारी तरफ से थंप्स अप. ये फिल्म हंसाते-हंसाते कब अंत तक आ पहुंचती है पता नहीं चलता, जिसकी वजह है इसका कसा हुआ स्क्रीन्प्ले और धारदार लिखायी. मेरी और से इस फिल्म को 3.5 स्टार.
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