राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) के मूल स्वरूप को खत्म कर इसे आधुनिक बनाने के केन्द्र और गुजरात सरकार के फैसले को गलत बताया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास है. गहलोत ने ट्वीट किया, 'केन्द्र सरकार एवं गुजरात सरकार द्वारा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप को खत्म कर इसे आधुनिक बनाने का फैसला पूरी तरह गलत है. भारत ही नहीं दुनियाभर में इस फैसले की आलोचना हो रही है.' गहलोत के अनुसार इस फैसले से साबरमती आश्रम की सादगी एवं शुचिता खत्म हो जाएगी.
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उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi)ने अपना पूरा जीवन सादगी के साथ आजादी की लड़ाई एवं मानवता की सेवा में लगा दिया. सादगी से जीवन जीने वाले महात्मा के आश्रम में अत्याधुनिक एवं लग्जरी अवसंरचना बनाना उनके जीवन की मौलिकता के विपरीत है. साबरमती आश्रम में बापू के विचारों और सिद्धांतों की परछाई है.' गहलोत ने कहा, 'इसके मूल ढांचे से छेड़छाड़ कर सरकार महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास कर रही है. तमाम बुद्धिजीवियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर इसपर विरोध जताया है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार से पुन: अपील करता हूं कि साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप से कोई छेड़छाड़ ना करें. इससे धनार्जन के प्रयास करने के बजाय इसे चिंतन-मनन का केन्द्र रहने दें.'