संत प्रेमानंद महाराज ने विरोधियों को लेकर कहा कि जो गंदे आचरण करते हैं, उन्हें उपदेश बुरा लगता है. उन्होंने बच्चों से कहा कि वे गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बनाना बंद करें, नशा न करें, और माता-पिता की आज्ञा मानें. उन्होंने कहा कि यदि बच्चों को शास्त्रों की जानकारी नहीं है तो वे अच्छाई और बुराई का सही अर्थ नहीं समझ पाएंगे.