- पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें ड्रग मनी मामले में बढ़ती जा रही हैं.
- पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने जांच में शामिल होने की सहमति दी है.
- चटोपाध्याय आज विजिलेंस अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे.
ड्रग मनी मामले में पूर्व मंत्री और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें बढ़ना तय मानी जा रही है. अब पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय ड्रग मनी केस की जांच में शामिल हो गए हैं. पूर्व डीजीपी ने विजिलेंस में अपना बयान दर्ज कराने पर सहमति दे दी है. विजिलेंस ने पूर्व डीजीपी को मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था. पूर्व डीजीपी आज दोपहर दो बजे विज़िलेंस अधिकारियों के सामने बयान दर्ज कराएंगे.
पूर्व डीजीपी पूछताछ में कर सकते हैं बड़े खुलासे
ड्रग्स मामले की जांच सिद्धार्थ चटोपाध्याय के डीजीपी रहते विक्रम मजीठिया के खिलाफ की गई थी. पूर्व डीजीपी चटोपाध्याय मजीठिया के ड्रग्स कारोबार से लिंक पर कई महत्वपूर्ण खुलासे कर सकते हैं. पूर्व डीजीपी पंजाब पुलिस आफ़िसर इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ में दोपहर 2 बजे बयान दर्ज कराएंगे. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को मोहाली कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. विजिलेंस विभाग ने मजीठिया को 540 करोड़ रुपए से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है.
ईडी के पूर्व अधिकारी निरंजन सिंह ने क्या कहा
इस मामले को लेकर ईडी के पूर्व अधिकारी निरंजन सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि विजिलेंस की तरफ से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत कार्रवाई की गई है और नशे के खिलाफ एफआईआर अलग है, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है. ईडी के पूर्व अधिकारी निरंजन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मजीठिया के खिलाफ यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) में दर्ज हुई है, जबकि ड्रग्स के मामले में मजीठिया के खिलाफ ईडी की ओर से दिसंबर 2021 में मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस अधिकारियों को मिल चुकी है सजा
उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ मामले की जांच एसआईटी कर रही है, इस केस को विजिलेंस की टीम नहीं देख रही. उन्होंने बताया कि ईडी की टीम 2013 के केस को लेकर मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और ड्रग्स मामले में गहनता से पूछताछ भी की जा चुकी है. ईडी के पूर्व अधिकारी निरंजन सिंह ने कहा कि इस मामले में जो पुलिस अधिकारी लिप्त पाए गए थे, उन सभी को सजा हो चुकी है.
पूर्व अधिकारी ने बताया कि मेरे कार्यकाल के दौरान ड्रग्स के मामलों में 17 लोगों को सजा हुई थी, जिसमें पुलिस अधिकारी जगदीश भोला शामिल थे. इस मामले में जगदीश भोला 10 साल की सजा पूरी कर चुके है. वहीं पुलिस केस में वह बेल में है, क्योंकि इसमें सजा पेंडिंग थी.
बिक्रम मजीठिया को लेकर पूर्व अधिकारी ने कहा कि इस मामले में ईडी भी अब जांच कर सकती है. आय से अधिक संपत्ति को लेकर उन्होंने कहा कि ड्रग्स से तैयार की गई संपत्ति के बारे में विजिलेंस ही बता सकती है. उन्होंने कहा कि अब मजीठिया के खिलाफ एक और मामला दर्ज हो गया है, ऐसे में ईडी के पास केस पेंडिंग होने के चलते अब उन्हें भी मजीठिया के केस में जांच करनी चाहिए.