भाविनाबेन पटेल (Bhavinaben Patel) को टोक्यो खेलों की टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में रविवार को यहां दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह एतिहासिक सिल्वर मेडल के साथ पैरालंपिक खेलों (Tokyo Paralympics) में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं. 34 साल की भाविनाबेन दो बार की गोल्ड पदक विजेता झाउ के खिलाफ 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गई. वह हालांकि भारत को मौजूदा पैरालंपिक खेलों का पहला पदक दिलाने में सफल रहीं. सिल्वर मेडल जीतने के बाद भाविना पटेल ने एनडीटीवी (NDTV) से बात की और कहा कि उन्होंने अपना 100 फीसदी दिया. भाविना ने कहा कि वह अपना सिल्वर मेडल सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को दिखाना चाहती है.
भाविना ने कहा कि वो सचिन तेंदुलकर की बड़ी फैन रही हैं. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से प्रेरित रही हूं, मैं उन्हें अपनी आंखों से देखना चाहती हूं और मैं उनसे प्रेरक बातों को सुनना चाहती हूं जिससे मुझे और भी अधिक आत्मविश्वास मिलेगा. भावना ने 2018 में पैरा एशियन गेम्स में डबल्स में सिल्वर और अब पैरालिंपिक में सिल्वर जीता.
ध्यान लगाकर खुद को नियंत्रित करती हूं
भाविनाबेन पटेल ने खुद को मोटिवेट रखने को लेकर भी बात की, उन्होंने कहा कि, ध्यान ही मेरी ताकत है, टेबल टेनिस एक ऐसा खेल है, जो 10-15 मिनट में खत्म हो जाता है, यह दुनिया का दूसरा सबसे तेज खेल है। इसलिए, मैं ध्यान के माध्यम से अपने मन को नियंत्रित करती हूं, इससे मुझे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है'. इसके अलावा भाविना ने चीन की खिलाड़ी के खिलाफ मैच को लेकर अपनी राय भी एनडीटीवी (NDTV) के साथ शेयर की. भाविना ने कहा कि 'चाइनीज के साथ खेलने से हर कोई डरता है, मैं थोड़ा नर्वस थी. मैंने उन्हें पहले भी हराया है, मुझे लगता है कि जो भी आपके सामने है, आपको अपना 100 प्रतिशत देने की जरूरत है. मेरे कोच ने मुझे सिखाया कि खिलाड़ियों के साथ कैसे खेलना है और उन्हें कैसे दूर करना है.
टर्निंग पॉइंट ग्रेट ब्रिटेन की खिलाड़ी के साथ मैच जीतना रहा
भाविना ने अपने परफॉर्मेंस को लेकर कहा कि, "मेरा टर्निंग पॉइंट ग्रेट ब्रिटेन की खिलाड़ी के खिलाफ मैच था, मैंने ग्रेट ब्रिटेन के मैच से पहले खिलाड़ी का पूरा अध्ययन किया था. मैंने अपनी योजनाओं को लागू किया जो मेरे कोच ने मुझे सिखाया. ग्रेट ब्रिटेन पर मेरी जीत ने मुझमें यह विश्वास जगाया कि, 'हां, मैं यह कर सकता हूं'." इसके अलावा भाविना ने अपने शुरूआती समय को लेकर भी बात की और कहा कि मेरे लाइफ आर्थिक मुश्किल बहुत आए, जिसके कारण मैं कई बार टूर्नामेंट खेलने के लिए जा भी नहीं सकती थी. लेकिन मैंने हर एक संघर्ष को सकारात्मक तरीके से लिया. भाविना ने कहा कि, यदि मुझे उस समय ऐसी स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता तो शायद मैं इतनी मेहनत नहीं कर पाती.
VIDEO: '100% दिया और नतीजा निकला' : NDTV से बोलीं सिल्वर मेडल विजेता भाविना पटेल