टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में सुमित नागल (Sumit Nagal) की हार के साथ ही टेनिस में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है. पुरुष सिंगल्स में नागल को वर्ल्ड नंबर 2 दानिल मेदवेदेव सीधे सेटों में हराकर उन्हें ओलंपिक से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. दानिल मेदवेदेव के साथ दोनों सेटों में सुमित कमजोर नजर आए. पहले सेट में नागल को 6-2 से हार का सामना करना पडा और वहीं. दूसरे सेट में 6-1 से कराबी शिकस्त झेलनी पड़ी. नागल और मेदवेदेव के बीच मुकाबल 66 मिनट चला. इस हार के साथ ही नागल ओलिंपिंक से बाहर हो गए हैं. भारतीय टेनिस में अब ओलंपिक मेडल का इंतजार बढ़ गया है. ओलंपिक में भारत ने टेनिस में आखिरी बार मेडल 1996 में जीता था, जब लिएंडर पेस के ब्रॉन्ज मेडल जीतकर नया इतिहास बनाया था.
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बता दें कि इस बार भारत केवल पुरुष सिंगल्स और महिला डबल्स में ही हिस्सा ले रहा था. दोनों जगह भारत को निराशा हाथ लगी है. महिला डबल्स में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना को यूक्रेन (Ukraine) की लियूडमायला किचेनकोक (Liudmyla Kichenok) और नाडिया किचेनकोक (Nadiia Kichenok) की जोड़ी ने 6-0, 6-7, 8-10 से मात देकर उनकी चुनौती समाप्त कर दी थी.
टोक्यो में अबतक सिर्फ एक ही मेडल भारत के नाम आ पाया है. मणिपुर से आने वालीं मीराबाई चानू भारत को सिल्वर मेडल जीताने का काम किया है. 49 किग्रा भारोत्तोलन में चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर नया इतिहास बनाया है. भारोत्तोलन में भारत की ओर से ओलंपिक में मेडल जीतने वाली वो केवल दूसरी खिलाड़ी हैं.