16 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद, जानें क्या कहा..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैगनस कार्लसन को मात देने वाले भारतीय युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंदा ( R Praggnanandhaa) को बुधवार को बधाई दी

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16 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर ने दुनिया के नंबर वन चेस खिलाड़ी को हराया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैगनस कार्लसन को मात देने वाले भारतीय युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंदा (R Praggnanandhaa) को बुधवार को बधाई दी और कहा कि उनकी इस उपलब्धि पर देश को गर्व है. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘युवा प्रतिभावान खिलाड़ी आर प्रज्ञाननंदा की सफलता से हम सभी आनंदित हैं, जानेमाने चैम्पियन मैगनस कार्लसेन के खिलाफ उनकी जीत की उपलब्धि पर गर्व है. मैं प्रतिभावान प्रज्ञाननंदा को भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं.'' ज्ञात हो कि प्रज्ञाननंदा ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में कार्लसन को हराकर पिछले दिनों बड़ा उलटफेर किया था, वह नॉर्वे के इस सुपरस्टार को हराने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं.

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भारत के 16 वर्षीय युवा ग्रैंडमास्टर R Praggnanandhaa ने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी Magnus Carlsen को हराया

कैसे बहन के शौक ने बदला युवा शतरंज खिलाड़ी प्रगाननंदा का जीवन

आर प्रज्ञाननंदा ने अपनी बहन के शौक से प्रभावित होकर शतरंज को काफी कम उम्र में ही अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और उस उम्र में खेल के गुर सीख लिए जब उनकी उम्र के अधिकतर लड़कों को बच्चा कहा जाता है. मात्र तीन बरस की उम्र में प्रज्ञाननंदा इस खेल से जुड़ गए थे जबकि उनकी बड़ी बहन वैशाली को इसलिए यह खेल सिखाया गया जिससे कि वह टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताए,  सोलह सात्र के प्रज्ञाननंदा अभी भारतीय शतरंज के भविष्य माने जा रहे हैं. वर्ष 2016 में मात्र 10 साल और छह महीने की उम्र में जब प्रगु (दोस्त और कोच उन्हें प्यार से इसी नाम से बुलाते हैं) अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने तो उन्हें शतरंज में भारत का भविष्य बताया गया.

उन्होंने रविवार को अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराया. प्रज्ञाननंदा की यह उपलब्धि काफी बड़ी है विशेषकर यह देखते हुए कि वह विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्णा के बाद सिर्फ तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने गत विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया था.

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