NDTV Indian of The Year: भारतीय पैरालंपिक टीम ने शुक्रवार को नई दिल्ली में होटल ताज में आयोजित इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड समारोह में स्पोर्ट्स परफॉर्मेंस ऑफ द ईयर का अवॉर्ड जीत लिया. इस अवॉर्ड के लिए इस साल पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता जेवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु भाकर, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश, दक्षिण अफ्रीका में टी20 विश्व कप का खिताब जीतने वाली भारतीय टीम और पेरिस पैरालंपिक के लिए भारतीय दल नॉमिनेट था. पेरिस पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले इस दल ने सभी को पछाड़ते हुए एनडीटीवी का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने का गौरव हासिल किया.
भारतीय पैरा ओलिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष देवेंद्र झाझड़िया, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के मुख्य कोच सत्यनारायण, पेरिस पैरालंपिक की पदक विजेता प्रीति पाल, योगेश कथुनिया, सिमरन शर्मा, प्रणव सूरमा ने जूरी मेंबर एडमिरल करमबीर सिंह और एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से अवॉर्ड ग्रहण किया.
पेरिस पैरालंपिक में ऐसा रहा भारत का प्रदर्शन
भारत ने पेरिस 2024 खेलों में पैरालंपिक इतिहास में अपना सबसे सफल प्रदर्शन करते हुए कुल 29 पदक जीते थे, जिसमें सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य शामिल रहे. भारत ने इससे पहले कभी भी पैरालंकिप खेलों में इतने पदक नहीं जीते थे. इससे पहले भारत ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में 19 पदक जीते थे, जिसमें पांच स्वर्ण पदक शामिल रहे. इन पदकों के साथ ही भारत ने पैरालंपिक इतिहास में अपने पदकों की संख्या को 50 के पार पहुंचाया.
28 अगस्त से 8 सितंबर तक फ्रांस की राजधानी में आयोजित पेरिस 2024 पैरालिंपिक में रिकॉर्ड 84 पैरा-एथलीटों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. भारत ने 12 खेलों में प्रतिस्पर्धा की थी. इस दौरान भारतीय पैरा-एथलीटों ने तीन नए खेलों—पैरा साइक्लिंग, पैरा रोइंग, और ब्लाइंड जूडो में भी हिस्सा लिया था.
पेरिस पैरालंपिक में अवनि लेखारा पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 शूटिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ अपने खिताब का बचाव किया.
भारत ने पहली बार एथलेटिक्स में डबल पोडियम फिनिश का रिकॉर्ड बनाया. धरमबीर और परनव सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो F51 स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीते. धर्मबीर ने 34.92 मीटर का नया एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया. वहीं प्रवीण कुमार ने ऊंची कूद टी64 में एशियाई रिकॉर्ड के साथ गोल्ड अपने नाम किया.
भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने भी पैरालंपिक में अपना खिताब बचाने वाले पहले भारतीय पुरुष के रूप में इतिहास रच दिया, उन्होंने पुरुषों की भाला फेंक F64 में 70.59 मीटर के शानदार थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता - जो एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड है. सुमित ने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में बनाए गए अपने ही पिछले रिकॉर्ड को केवल एक बार नहीं, बल्कि प्रतियोगिता के दौरान तीन बार तोड़ा.
ऊंची कूद टी42 वर्ग में कांस्य पदक के साथ, मरियप्पन थंगावेलु लगातार तीन पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने. उन्होंने रियो 2016 में स्वर्ण पदक और टोक्यो 2020 में रजत पदक जीता.
प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़ में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक हासिल किया. यह पैरालिंपिक के ट्रैक इवेंट में भारत का पहला पदक था. 200 मीटर में उनके कांस्य ने उन्हें खेलों में भारत का सबसे सफल एथलीट बना दिया, क्योंकि वह दो पदक हासिल करने वाली एकमात्र खिलाड़ी बनी.
भारत ने पेरिस 2024 में ट्रैक स्पर्धाओं में चार पदक जीते. इसमें दीप्ति जीवनजी का पदक भी शामिल रहा जिन्होंने महिलाओं की 400 मीटर टी20 वर्ग में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया.
भारतीय एथलियटों ने तीरंदाजी में भी नए कीर्तिमान स्थापित किये गए. बिना हाथों के तीरंदाजी करने वालीं शीतल देवी ने दूसरे स्थान पर रहने से पहले रैंकिंग राउंड में कुछ समय के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया. लेकिन बाद में उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित टीम क्वालीफिकेशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड स्कोर हासिल किया. महज 17 साल की उम्र में, शीतल ने राकेश के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य हासिल करके भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता के रूप में इतिहास रच दिया.