BADMINTON: सात्विक साईराज और चिराग ने रचा इतिहास, इंडोनेशिया ओपन जीतने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनी

सात्विक और चिराग की जोड़ी इसके साथ ही देश की पहली जोड़ी बन गयी है, जिसने सुपर 100, सुपर 300, सुपर 500, सुपर 750 और सुपर 1000 स्तर की किसी ना किसी प्रतियोगिता को जीता है

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सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी
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  • मलेशिया के आरोन चिया और वूई यिक सोह को हराया
  • कड़े मुकाबले को जीतने में 43 मिनट का समय लगा
  • साइना नेहवाल (2010, 2012) और किदांबी श्रीकांत (2017) ने एकल खिताब जीते है
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जकार्ता:

सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय पुरुष युगल जोड़ी ने रविवार को इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया. विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज भारतीय जोड़ी ने फाइनल में मलेशिया के आरोन चिया और वूई यिक सोह की जोड़ी को सीधे गेमों में 21-17, 21-18 से हराकर सुपर 1000 स्तर की प्रतियोगिता को अपने नाम करने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनी. बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की विजेता और एशियाई चैम्पियन भारतीय जोड़ी को इस कड़े मुकाबले को जीतने में 43 मिनट का समय लगा. सात्विक ने मैच के बाद कहा, ‘हमने इस स्पर्धा के लिए काफी अच्छी तैयारी की थी. हम जानते थे कि दर्शक हमारा समर्थन करेंगे. उन्होंने पूरे सप्ताह हमारा साथ दिया. यह हमारे लिए अद्भुत सप्ताह रहा है। हमने आज कमाल का बैडमिंटन खेला. उनके खिलाफ आपसी मुकाबलों में हमारा रिकॉर्ड अच्छा नहीं था, इसलिए हम एक समय में एक अंक जीतने पर ध्यान दे रहे थे.' दोनों जोड़ियों के बीच यह 11वां मुकाबला था और भारतीय जोड़ी की यह पहली जीत है.

मैच के शुरुआती गेम में दोनों जोड़ियों के बीच बराबरी का मुकाबला हुआ. सात्विक और चिराग ने गेम में 11-9 की बढ़त लेने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और 21-17 से पहला गेम जीता. भारतीय जोड़ी ने दूसरे गेम में थी चिया और सोह की जोड़ी को आसानी से अंक जुटाने का मौका नहीं दिया। एक समय स्कोर 6-6 की बराबरी पर था लेकिन भारतीय जोड़ी ने इसके बाद शानदार खेल दिखाते हुए 18-11 की बढ़त हासिल की. 

मलेशिया की जोड़ी ने हार नहीं मानी और इस नौ अंक के अंतर को कम कर दो अंक (18-20) का कर दिया. चिराग और सात्विक ने इसके बाद मैच प्वाइंट भुनाकर इस जोड़ी के खिलाफ पहली जीत दर्ज की. सात्विक और चिराग इस खिताब को जीतने वाली पहली भारतीय जोड़ी है. साइना नेहवाल (2010, 2012) और किदांबी श्रीकांत (2017) ने इससे पहले जकार्ता में एकल खिताब जीते हैं.

सात्विक और चिराग की जोड़ी इसके साथ ही देश की पहली जोड़ी बन गयी है, जिसने सुपर 100, सुपर 300, सुपर 500, सुपर 750 और सुपर 1000 स्तर की किसी ना किसी प्रतियोगिता को जीता है. इन दोनों ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के साथ थॉमस कप में स्वर्ण और विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किये हैं. उन्होंने सैयद मोदी (सुपर 300), थाईलैंड ओपन (सुपर 500) और फ्रेंच ओपन (सुपर 750) का भी खिताब अपने नाम किया है.

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बीडब्ल्यूएफ (विश्व बैडमिंटन महासंघ) के विश्व टूर को छह स्तरों में विभाजित किया गया है. जिसमें विश्व टूर फाइनल, चार सुपर 1000, छह सुपर 750, सात सुपर 500 और 11 सुपर 300 के अलावा बीडब्ल्यूएफ टूर सुपर 100 स्तर के टूर्नामेंट हैं जिनसे खिलाड़ियों को रैंकिंग अंक मिलते हैं. इनमें से प्रत्येक स्तर के टूर्नामेंट से अलग-अलग रैंकिंग अंक और पुरस्कार राशि दी जाती है. सुपर 1000 स्तर में सबसे अधिक रैंकिंग अंक और पुरस्कार राशि दी जाती है.
 

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