BMC चुनाव: महायुति में सीट बंटवारे पर सस्पेंस बरकरार, भाजपा–शिवसेना भी ठाकरे भाइयों की राह पर - सूत्र

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने पहले ही अपने संभावित उम्मीदवारों को नामांकन फॉर्म देना शुरू कर दिया है और उन्हें अपने-अपने वार्डों में चुनावी प्रचार शुरू करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.

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BMC चुनाव से पहले बीजेपी-शिवसेना में कहां फंसा पेंच
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  • BJP और शिवसेना के बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है
  • भाजपा ने अपने संभावित उम्मीदवारों को नामांकन फॉर्म देने और चुनावी प्रचार शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं
  • भाजपा और शिवसेना की पहली उम्मीदवार सूची जल्द जारी होने की संभावना है, जिससे चुनावी मुकाबले की दिशा स्पष्ट होगी
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मुंबई:

देश की सबसे अमीर नगरपालिकाओं में शामिल बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को लेकर महायुति में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है—कुछ बैठकें संयुक्त रूप से तो कुछ अलग-अलग स्तर पर हो रही हैं.राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि आंतरिक असंतोष और बगावत से बचने के लिए भाजपा और शिवसेना भी ठाकरे बंधुओं के चुनावी पैटर्न को अपनाने की तैयारी में हैं. इसके तहत सीट शेयरिंग का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया जाएगा. इसके बजाय, दोनों दल अपने-अपने उम्मीदवारों को सीधे नामांकन पत्र सौंपेंगे, जिससे यह स्पष्ट होगा कि किस वार्ड से कौन उम्मीदवार मैदान में होगा.

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने पहले ही अपने संभावित उम्मीदवारों को नामांकन फॉर्म देना शुरू कर दिया है और उन्हें अपने-अपने वार्डों में चुनावी प्रचार शुरू करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. उन उम्मीदवारों को बीएमसी चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के सोमवार (29 दिसंबर) के लिए निर्देश दे दिए हैं, ऐसे में जमीनी स्तर पर गतिविधियां तेज हो गई हैं.

साथ लड़ेंगे चुनाव, लेकिन फार्मूला रहेगा गोपनीय. यह लगभग तय माना जा रहा है कि भाजपा और शिवसेना बीएमसी चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी,लेकिन सीट बंटवारे की रणनीति सार्वजनिक नहीं की जाएगी.इससे कार्यकर्ताओं में असमंजस कम रखने और बगावत की संभावना को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है.इस बीच,महायुति में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन को लेकर अध्याय लगभग बंद माना जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि बीएमसी चुनाव में भाजपा–शिवसेना का फोकस द्विपक्षीय रणनीति पर ही रहेगा.

सूत्रों के अनुसार भाजपा और शिवसेना दोनों ही अपनी पहली उम्मीदवार सूची देर शाम या अधिकतम कल तक जारी कर सकती हैं. इस सूची के सामने आते ही बीएमसी चुनाव की असली तस्वीर और मुकाबले की दिशा काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी.बीएमसी चुनाव न केवल मुंबई की सत्ता तय करता है, बल्कि इसे महाराष्ट्र की राजनीति का सेमीफाइनल भी माना जाता है. शिवसेना के लिए यह चुनाव उसकी पारंपरिक पकड़ बचाए रखने की चुनौती है, वहीं भाजपा के लिए मुंबई पर निर्णायक बढ़त बनाने का अवसर.

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