Exclusive: फिल्मकार प्रकाश झा पर हमला करने वाला है हत्या का दोषी, 1 दिन बाद ही मिल गई थी बेल

सुशील सुडेले की  बात करें तो भोपाल में नादिरा बस स्टैंड के पास विश्व हिन्दू परिषद के दफ्तर में बैठते हैं. कई बार भागचंद मर्डर केस पर सवाल करने के बावजूद वो बात आश्रम की ही करते रहे

Advertisement
Read Time: 23 mins

भोपाल:

Madhya Pradesh: मध्‍य  प्रदेश की राजधानी  भोपाल में पिछले माह निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा और उनकी टीम पर वेब सीरीज़ 'आश्रम' की शूटिंग के दौरान हमला हुआ. इस मामले में प्रकाश झा ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई लेकिन पुलिस ने खुद कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया जिसमें हमले का आरोप बजरंग दल के प्रांत संयोजक सुशील सुडेले (Sushil Sudele) पर भी लगा. हैरत की बात ये है कि सुडेले, भोपाल में 2011 में हत्या के एक मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर है और सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ घूमता है. इस हमले के बाद भी पुलिस ने उसकी जमानत रद्द कराने को लेकर कोई पहल नहीं की है.24 अक्टूबर को भोपाल में वेब सीरीज़ 'आश्रम' की शूटिंग के दौरान फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी थी. इन्‍होंने वेब सीरीज ' आश्रम' के सेट (Ashram set)पर भी तोड़फोड़ की थी. बजरंग दल के के नेता कैमरे के सामने ताल ठोंकते दिखे थे. इस हमले के बाद पुलिस ने सुशील सुडेले सहित 6 लोगों के खिलाफ खुद से मामला दर्ज किया था. इन्‍हें हिरासत में लिया गया लेकिन अगले दिन ही उन्हें जमानत मिल गई थी. वैसे, पुलिस का कहना है कि सुडेले को जल्द जमानत मिलने के वे दोषी नहीं हैं. चूंकि आश्रम की टीम कथित तौर पर शिकायत दर्ज करने की इच्छुक नहीं थी, इसलिए भोपाल पुलिस (Bhopal Police) ने सुडेले और हमले में शामिल दूसरे आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया. इससे गिरफ्तारी के अगले दिन उन्हें जमानत मिल गई.

'अपनी गलतियों के बारे में भी सोचें' : प्रकाश झा पर हमले को लेकर बोले MP के गृहमंत्री

सुडेले जमानत पर रिहा हुए और अब आज़ाद हैं.हमसे भोपाल में विश्व हिंदू परिषद के दफ्तर में मिले तो थोड़ा परेशान दिखे. वैसे सुशील सुडेले का हिंसक अतीत है.उन्हें भोपाल के ट्रांसपोर्ट कारोबारी भागचंद की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. 2011 में एक क्लिप सामने आई थी, जिसे भागचंद ने ही रिकॉर्ड किया था, इस क्लिप में सुडेले उनसे पैसे मांगते देखे जा सकते हैं. इस वसूली के खिलाफ वीडियो क्लिप के साथ भागचंद ने जबरन वसूली की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद सुडेले के साथियों ने कथित तौर पर उस पर हमला किया, जिसकी वजह से भागचंद की मौत हो गई थी. इस अपराध के लिए सुडेले को 14 साल के कैद की सज़ा हुई लेकिन 2015 में उसे जमानत मिल गई थी.कानून के जानकारों का कहना है कि प्रकाश झा पर हमले के बाद पुलिस को हत्या के मामले में सुडेले की जमानत रद्द करने के लिए तुरंत अदालत का रुख करना चाहिए था. इस मामले में हमने राज्‍य के गृह मंत्रीडॉक्‍टर नरोत्‍तम मिश्रा से सवाल पूछा तो वो सवाल अनसुना करने लगे.  जब सवाल दोबारा दुहराया तो बस कैमरे को देखकर चले गए. 

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी ने मंत्री नवाब मलिक को भेजा मानहानि का नोटिस

सुशील सुडेले की  बात करें तो भोपाल में नादिरा बस स्टैंड के पास विश्व हिन्दू परिषद के दफ्तर में बैठते हैं. कई बार भागचंद मर्डर केस पर सवाल करने के बावजूद वो बात आश्रम की ही करते रहे. सुडेले ने कहा, 'हमने प्रकाश झा कोकोई धमकी नहीं दी. विरोध करने का तरीका सांकेतिक था. भोपाल के ही बाउंसर थे उन्होंने हमला किया तब ये घटना हुई है. ' विश्व हिन्दू परिषद भी शायद सुडेले की जमानत को बेगुनाही मान रहा है. संगठन के मध्‍य भारत के मंत्री राजेश तिवारी ने कहा, 'अभी वो जमानत पर बाहर है और धर्म की रक्षा का काम कोई भी व्यक्ति कर सकता है. हर एक नागरिक को ये अधिकार है.'दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि सुडेले अपने राजनीतिक रसूख की वजह से बचे हुए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और दूसरे बीजेपी नेताओं के साथ तस्वीरों में सुडेले काफी सहज है. मध्‍य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा कहते हैं, 'सुशील सुडेले हमला करते हैं उनकी तारीफ गृहमंत्री और सब करते हैं जो मर्डर का दोषी है और बेल पर है.जब ऐसे लोगों को सरकाार प्रश्रय देगी जो कानून तोड़ रहे हैं तो कैसे आएगी फिल्म सिटी, कैसे मिलेगा रोजगार? उस व्यक्ति को तुरंत जेल भेजना चाहिए. उसे प्रश्रय दे रहे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है.'

Advertisement

''इंसाफ के लिए लड़ाई जारी रहनी चाहिए'' : बर्खास्‍तगी के UP सरकार के आदेश पर डॉ. कफील खान

Advertisement

हम भागचंद के घर भी पहुंचे जिनकी हत्या के मामले में सुडेले और उसके साथियों को सज़ा हुई थी. उनके दो बच्चे बड़े हो गए  हैं. पत्नी कहती हैं कहीं से मदद नहीं मिली. अब इतनी आर्थिक ताकत नहीं बची कि केस लड़ सकें. भागचंद की पत्‍नी रजनी तलरेजा कहती हैं, ' बजरंग दल कीमांग होती थी 1500 रु की. वे बोलते थे कि घर को पालूंगा या क्या करूंगा तो पीछे से आकर मार दिया. मेरे पास अब कुछ नहीं है, दुकान से भगा देते हैं.' मध्‍य प्रदेश सरकार इस बात से इनकार कर सकती है कि वह हमलावरों का पक्ष ले रही है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि वे एक हत्या के दोषी की जमानत रद्द करने के लिए क्यों नहीं गए, जो हिंसक हमलों के पीछे है और खुले तौर पर धर्म की आड़ में लोगों को धमकी दे रहा है.

Advertisement
Topics mentioned in this article