मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को 58 साल की उम्र में ससुराल से दान मिला है. दान में उन्हें, उनकी पत्नी और दो बच्चों को 50 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन दी गई है. सागर-भोपाल रोड पर भापेल गांव में कल्पना सिंघई से 2021 में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साले हिमाचल सिंह और करतार सिंह ने करोड़ों की ये ज़मीन ख़रीदी और अगले ही साल मंत्री और उनके परिवार को दान कर दी.
मंत्री का ससुराल भोपाल से 80 किमी दूर सागर जिले के गिरहनी गांव में है लेकिन परिजनों ने अपने गांव को छोड़कर अच्छी-ख़ासी दूरी पर ये ज़मीन ख़रीदी.
दान में मिली ज़मीन के चलते सवालों के घेरे में आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने NDTV को जवाब देने के बजाय माइक ऑफ करने की कोशिश की. जबकि कांग्रेस इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है.
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "यह शिवराज सिंह के कैबिनेट में ही संभव हो सकता है. देश-प्रदेश इस मामले को देखे और समझे. ये वही मंत्री हैं, जिन्होंने बयान दिया था कि "मैं जनसेवा के लिए कांग्रेस की सरकार गिरा रहा हूं. जनसेवा मेरा मुख्य उद्देश्य है, इसलिए मैं भाजपा में जा रहा हूं. कांग्रेस मेरी मां थीं, अब मेरी मां को छोड़कर दूसरी मां को अपना रहा हूं." अब 58 साल की उम्र में इनके सालों ने इन्हें जमीन दान में दी है. इनके परिवार और इनके बच्चों को भी जमीन दी गई है. जिन सालों के पास कुल 100 एकड़ जमीन नहीं है. उन्होंने साल 2020 में खरीदी हुई 50 एकड़ जमीन इन्हें दे दी. ये यह एहसास कराता है कि शिवराज सिंह ने अपनी सरकार बनाने के लिए लूट की छूट दी थी."
वहीं, एक दूसरे कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा, "यह अवैध दहेज जैसा मामला है. जो जमीन दान में दी गई है, वह रजिस्ट्री से पहले असिंचित थी, बाद में सिंचित हो गई. यह घपला है. इस घपले के जरिए राजस्व विभाग को नुकसान पहुंचाया गया."
सागर में बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष राजकुमार सिंह धनौरा ने भी साफ तौर पर जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. धनौरा को हाल ही में पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था.
उन्होंने कहा, "इसमें सीधा सीधा फर्जीवाड़ा किया गया है. इसमें कालेधन का इस्तेमाल हुआ है. सालों के नाम पर मंत्री ने अपने काले धन को ठिकाने लगाने के मकसद से यह यह षड़यंत्र रचा है. इसकी जांच होनी चाहिए. मैं सरकार से मांग करता हूं कि इन पर कार्रवाई करें."
जब एनडीटीवी ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस बारे में सवाल पूछे तो वो टालते हुए नजर आए. उन्होंने सभी सवालों के जवाब में कहा, "सब बता दें, आप घबराओ नहीं. देंगे जवाब... आराम से देंगे. दे देंगे जवाब."
मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार में भी गोविंद सिंह राजपूत राजस्व मंत्रालय संभालते थे. लेकिन कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद ये भाजपा के साथ आए गए और शिवराज सरकार में भी वही मंत्रालय संभाल रहे हैं. इन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है.
अभी मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठा सकती है.