Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी जुलूस के दौरान कई स्थानों पर पथराव और आगजनी मामले में जिला प्रशासन ने मंगलवार तक आरोपियों की 52 संपत्तियों को ढहा दिया. मामले में 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मध्य प्रदेश शासन के आदेश पर आरोपियों की लीगल प्रॉपर्टी को तोड़ने का काम किया जा रहा है और नुकसान हुआ है, उसकी इन लोगों से भरपाई की जाएगी. ढहाई गई संपत्तियों में पीएम आवास योजना के तहत बना एक मकान भी शामिल है. यह घर हसीना फखरू के नाम पर है. हसीना का आरोप है कि प्रशासन ने कई बार उन्हें घर खाली करने का नोटिस दिया था. अब जब उनका घर जमींदोज कर दिया गया है तो उनके पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं है.
घर टूटने का दर्द हसीना के चेहरे पर साफ पढ़ा जा सकता है. उनके आंसू थम नहीं रहे. इस घर का निर्माण प्रधानमंत्री निवास योजना के तहत किया गया था जो कि अब धराशायी किया जा चुका है. यह मकान 2019-20 में हसीना के पांच से सात लोगों के परिवार को मिला था.इसके निर्माण में करीब ढाई लाख रुपये खर्च हुए थे. सारे दस्तावेज हसीना के बेटे अमजद के पास हैं जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. जमींदोज किए गए घर के बाहर वे बरसाती लगाकर रह रही हैं.
योजना के तहत मिले मकान की हाथ में तस्वीर लिए हसीना ने NDTV से बातचीत में कहा, '' हमें एक लाख और पचास हजार की किश्त मिली थी. हमने मकान के निर्माण में कुछ राशि भी उधार ली थी. यह सोचा था कि घर बनने पर अच्छे से रहेंगे लेकिन उन्होंने यह काम किया. हमें इस हालत में छोड़ दिया, हम कहां जाएंगे." उन्होंने बताया कि मकान खाली करने के हमें नोटिस मिले थे, हम तहसील में कई बार गए थे क्योंकि केस चल रहा था. बाद में बंद कर दिया था. मौके पर मौजूद एक अन्य शख्स ने कहा कि सीएम शिवराज चौहान ने यहां आकर आश्वासन दिया था जो जहां रह रहा है, वहीं रहेगा. नल भी दूंगा, लाइट भी दूंगा, भांजे-भांजियों, 'मामा' अभी जिंदा है. लेकिन मामा यह कौन से काम कर रहा है. एक तरफ तो दे रहा है, दूसरी तरफ उजाड़ रहा है.
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